MP Government New Recruitment: मध्यप्रदेश में नई भर्ती की तैयारी चल रही है। इसके लिए सीएम डॉ. मोहन यादव ने सभी विभागों के खाली पदों की जानकारी मंगवाई है। इसी बीच जानकारी सामने आई की अगले पांच साल में एक लाख अधिकारी-कर्मचारी रिटायर होने वाले हैं। एमपी में 73 प्रतिशत क्लास वन अधिकारी और 53 प्रतिशत क्लास टू अफसरों की उम्र 45 साल से अधिक है। इसके अनुपात में क्लास वन युवा अफसरों की संख्या 27 फीसदी तो क्लास टू कैटेगरी के अफसर 47 प्रतिशत हैं।
इस मुद्दे पर सीएम करेंगे सीएस के साथ मीटिंग!
अधिकारियों और कर्मचारियों की रिटायर होने की संख्या ने सरकार को चिंता में डाल दिया है। सूत्र बताते हैं इसी को लेकर पिछली कैबिनेट मीटिंग में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी विभागों से खाली पदों की डिटेल मांगी है। बताते हैं डिटेल आने के बाद सीएम मुख्य सचिव अनुराग जैन के साथ इसी महीने बैठक कर सकते (MP Government New Recruitment) हैं।
भर्ती न होने का असर सरकारी कामकाज पर पड़ेगा
एक्सपर्ट की मानें तो ऐसी स्थिति इसलिए बनी क्योंकि भर्ती प्रक्रिया के प्रति सरकार कतई गंभीर नहीं है। इसका असर आने वाले समय में सरकार के कामकाज पर पड़ना तय है। उनका कहना है कि युवाओं की भर्ती नहीं होने से आने वाले समय में नवाचार और नई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल में कमी (MP Government New Recruitment) आएगी।
एमपी में नियमित कर्मचारी 5 लाख 90 हजार से ज्यादा
एमपी सरकार की 31 मार्च 2023 को जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में नियमित सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों की संख्या कुल 5 लाख 90 हजार 550 है। मौजूदा साल में ये आंकड़ा और घट गया है, जिसकी रिपोर्ट इस वित्तीय वर्ष के बाद जारी की (MP Government New Recruitment) जाएगी।
एमपी में आधे कर्मचारी 45 साल से कम उम्र के
एमपी में 45 साल से कम उम्र वाले कुल अधिकारी- कर्मचारियों की संख्या 3 लाख 7 हजार 315 है, जो कुल कर्मचारियों का 52 फीसदी है। 46 से 61 साल की उम्र के कर्मचारियों की संख्या 2 लाख 83 हजार 235 हैं, जो कुल कर्मचारियों का 48 फीसदी है।
युवा और उम्रदराज कर्मी…
एमपी में युवा और उम्रदराज कर्मचारियों के बीच केवल 4 प्रतिशत का अंतर है। जानकारों के मुताबिक, ये रेश्यो 60:40 का होना चाहिए यानी 60 फीसदी युवा और 40 फीसदी उम्रदराज कर्मचारी-अधिकारी होने चाहिए।
क्लास वन अफसर युवाओं की तुलना में उम्र दराज ज्यादा
क्लास-वन अधिकारियों की बात की जाए तो इनकी कुल संख्या 8 हजार 49 हैं। इनमें से 2135 यानी 27 फीसदी अधिकारी 45 साल से कम उम्र के हैं। 46 से 61 साल से ज्यादा उम्र वाले अधिकारियों की संख्या 5 हजार 914 है, जो कुल अफसरों की संख्या का 73 प्रतिशत है।
यहां बता दें, क्लास-वन अधिकारी राजपत्रित अधिकारी होते हैं। प्रशासनिक मशीनरी को चलाने में इनकी अहम भूमिका रहती (MP Government New Recruitment) है।
क्लास-टू अधिकारी, युवाओं से 6 प्रतिशत ज्यादा उम्रदराज
मध्यप्रदेश में क्लास टू अधिकारियों की कुल संख्या 38 हजार 432 हैं। क्लास वन अधिकारियों से इनकी संख्या करीब साढ़े चार गुना ज्यादा है। ये भी राजपत्रित अधिकारी होते हैं। क्लास वन अधिकारियों के बाद क्लास टू अधिकारी प्रशासनिक मशीनरी को चलाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
इनका काम सरकारी योजनाओं को जमीन पर उतारने का है। इनमें से 17 हजार 871 यानी 47 फीसदी कर्मचारियों की उम्र 45 से कम है जबकि 46 से 61 से ज्यादा उम्र वाले अधिकारियों की संख्या 20 हजार 561 है, जो कुल अधिकारियों का 53 फीसदी (MP Government New Recruitment) है।
तृतीय श्रेणी कर्मचारी: 45 से कम उम्र के 54 प्रतिशत
मध्यप्रदेश में तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों की संख्या 4 लाख 84 हजार 928 हैं। कर्मचारियों की ये सबसे ज्यादा संख्या है। सरकारी दफ्तरों के बाबू तृतीय श्रेणी कर्मचारी कहलाते हैं। योजनाओं के क्रियान्वयन में ये अहम भूमिका निभाते हैं।
इस संवर्ग में युवा कर्मचारियों की संख्या सबसे ज्यादा है। 4 लाख कर्मचारियों में 45 साल से कम उम्र के कर्मचारियों की संख्या 2 लाख 60 हजार 927 है, जो कुल कर्मचारियों का 54 फीसदी है। जबकि 46 से 61 साल से ज्यादा उम्र के कर्मचारियों की संख्या 2 लाख 24 हजार 01 है, जो कुल कर्मचारियों का 46 फीसदी (MP Government New Recruitment) है।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी युवाओं से 10 प्रतिशत ज्यादा उम्रदराज
एमपी में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की फौज भी उम्रदराज है। इस कैटेगरी में प्यून, ऑफिस बॉय, चौकीदार, सफाईकर्मी शामिल हैं। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की कुल संख्या 59 हजार 141 हैं। इनमें से 45 साल से कम उम्र वाले कर्मचारियों की संख्या 26 हजार 382 हैं, जो कुल कर्मचारियों का 45 फीसदी (MP Government New Recruitment) है।
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