Akshay Amla Navami Date 2024: अगर आप भी अपने कर्मों का अक्षय फल पाना चाहते हैं तो आपको बता दें इस बार अक्षय नवमीं 10 नवंबर को आ रही है। अक्षय नवमीं को आंवला नवमीं भी कहते हैं। आंवला नवमीं के दिन पूजा की क्या विधि है, इस दिन आंवला के अलावा और कौन से पौधे हैं जिनकी पूजा करना जरूरी होता है, आंवला नवमीं का क्या महत्व है, जानते हैं ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री से।
तुलसी विवाह के पहले अक्षय नवमीं कब हैं
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार इस साल तुलसी विवाह यानी देवउठनी एकादशी 12 नवंबर मंगलवार को है, लेकिन इसके पहले 10 नवंबर रविवार को आंवला नवमीं है।
आंवला नवमीं पर क्या होता है
हिन्दू पंचांग के अनुसार इस बार आंवला नवमीं 10 नवंबर रविवार को है। इस दिन घरों में आंवला के पेड़ की पूजा की जाती है। आंवला के पेड़ में जल चढ़ाने के बाद इस पेड़ की पूजा करके इसके नीचे भोजन करने की परंपरा है। इस दिन से आंवला खाने की शुरुआत होती है।
आंंवला नवमीं पर किन-किन पौधों की पूजा की जाती है
ज्योतिषाचार्य के अनुसार हिन्दू धर्म में आंवला नवमीं की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन के लिए कहा जाता है कि आंवला के अलावा कदम का पेड़ और तुलसी के पेड़ की पूजा करने से जीवन में सुख—समृद्धि की प्राप्ति होती है।
तुलसी और कदम की पूजा क्यों होती है खास
अभी कार्तिक का महीना चल रहा है। कार्तिक का महीना श्रीकृष्ण और मां तुलसी की पूजा के लिए खास माना जाता है। यही कारण है कि इस महीने में तुलसी की पूजा करने से भगवान विष्णु भी प्रसन्न होते हैं।
इस दिन पौधा लगाना भी होता है शुभ
हिन्दू धर्म में पौधों का विशेष महत्व है। तुलसी के पौधे का धार्मिक ग्रंथों में विशेष महत्व है। यही कारण है कि आंवला नवमीं के दिन तुलसी का पौधा लगाने का भी विशेष महत्व है।
पंचकों में आएगी आंवला नवमीं
इस बार नवंबर में पंचकों की शुरुआत 9 नवंबर से हो रही है। 10 नवंबर को आंवला नवमीं है। यानी इस बार आंवला नवमीं पंचकों में आएगी। साथ ही इस दिन रविवार भी रहेगा।
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