Bastar Tourism: छत्तीसगढ़ बस्तर के कांगेर वेली नेशनल पार्क की कोटमसर गुफा अपनी अलग ही पहचान रखती है। यह अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध मानी जाती है। जिसे हर साल राज्य की स्थापना दिवस के मौके पर ही खोला जाता है।
इसी तरह इस बार भी स्थापना दिवस के मौके पर पर्यटकों (Bastar Tourism) के लिए खोला जा रहा था। तभी अपनी मांगों को लेकर ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया और इसे खोलने नहीं दिया गया। ग्रामीणों की मांग और विरोध के चलते नया विवाद खड़ा हो गया है। इससे पहले ही शुरू दिन पर्यटक बिना कोटमसर गुफा को देखे वापस लौट गए।
सुबह पांच बजे से एकत्रित हो रहे थे ग्रामीण
बता दें कि 1 नवंबर दिन शुक्रवार को जब कोटमसर (कुटुम्बसर) गुफा को खोलने प्रबंधक गए तो उन्हें स्थानीय ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ा। इसके कारण बड़ी संख्या में पर्यटक (Bastar Tourism) निराश होकर वापस लौट गए। आज सुबह 5 बजे से ही ग्रामीण नेशनल पार्क के मुख्य गेट पर एकत्रित होना शुरू हो गए थे और धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।
टिकट काउंटर में बदलाव से नाराजगी
जानकारी के अनुसार हर साल बारिश के बाद छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस 1 नवंबर को इस गुफा को पर्यटकों (Bastar Tourism) के लिए खोला जाता है। यहां पर्यटक प्रकृति का अद्भुद नजारा देखने पहुंचते हैं। इससे ग्रामीणों को रोजगार भी मिलता है। इसी रोजगार के मसले पर ध्यान नहीं देते हुए इस बार सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान दिया गया। इसी के चलते यहां ग्रामीणों की ओर से लगाने वाले टिकट काउंटर की जगह को बदल दिया गया है। इससे ग्रामीणों में आक्रोश और नाराजगी है।
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कई वर्षों से थी ये सुविधाएं
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पिछले कई सालों से कोटमसर गांव के पास गुफा देखने आने वाले लोगों के लिए टिकट काउंटर और पार्किंग की व्यवस्था थीं। इससे 100-150 आदिवासी ग्रामीणों को रोजगार मिलता था। ये आदिवासी यहां जो भी पर्यटक (Bastar Tourism) आते हैं, उन्हें स्थानीय व्यंजन परोसते है और नृत्य-प्रदर्शन कर घर चलाते थे। इससे उनकी आमदनी अच्छी हो जाती थी।
इस बार 5 किमी दूर बनाया काउंटर
गुफा के द्वार खोलने से पहले इस बार प्रशासन ने कोटमसर गुफा (Bastar Tourism) का टिकट काउंटर गुफा से 5 किलोमीटर बनाया है। यह नेशनल हाईवे के पास बना दिया गया है। इसके कारण ग्रामीणों का रोजगार उनसे दूर हो गया। इससे नाराज ग्रामीणों ने इसका विरोध किया है। इसके कारण वे सड़क पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया।
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