MP News: मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक नवजात बच्चे की मौत से नाराज परिजन अस्पताल में तैनात डॉक्टरों से भिड़ गए। इसके बाद डॉक्टरों और ग्रामीणों के बीच जमकर विवाद हुआ। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भी मौजूद थे। मामला जबलपुर के भिडकी स्वास्थ्य केंद्र का है। परिजनों का आरोप है कि बच्चा जनने के 24 घंटे के अंदर की डॉक्टरों ने महिला और नवजात बच्चे की यह कहते हुए अस्पताल कसे छुट्टी कर दी कि दिल्ली से कायाकल्प की टीम आ रही है।
अस्पताल से छुट्टी के बाद एक घंटे में नवजात की गई जान
जानकारी के मुताबिक, परिजन नवजात बच्चे और उसकी मां को लेकर घर पहुंचे तो एक घंटे में नवजात की मौत हो गई। इसके बाद नाराज परिजन और ग्रामीण भिड़की स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। जहां दिल्ली से आई स्वास्थ्य विभाग की टीम के सामने ही जमकर हंगामा किया। इसी दौरान सूचना पर चरगवां थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने दोनों ही पक्षों की शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
गेट पर महिला ने बच्चे को दिया जन्म
ग्राम मिरगा में रहने वाली शिवानी यादव (25) को
23 अक्टूबर को प्रसव पीड़ा हुई। परिजन इलाज के लिए भिड़की स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे तो वहां सफाई चल रही थी। पता चला कि दिल्ली से कायाकल्प अभियान की अगले दिन टीम आ रही है, जिसको लेकर तैयारी की जा रही है। परिजन का कहना है कि इलाज करने की जगह स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ डॉक्टरों ने एंबुलेंस मंगाकर मेडिकल जाने के लिए कहा। परिजन ने बताया, हालत ठीक नहीं है, कभी भी डिलीवरी हो सकती है, इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ध्यान नहीं दिया, लिहाजा गेट पर ही महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया। आनन-फानन में डॉक्टर और नर्स महिला को अंदर ले गए और डिलीवरी (MP News) करवाई।
परिजन का आरोप- डॉक्टरों ने ठीक से नहीं किया केयर
शिवानी यादव के जेठ मोहन यादव का कहना था कि बच्चे को जन्म लिए 24 घंटे भी नहीं बीते थे और अगले दिन यह कह दिया गया कि मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं, घर ले जा सकते हैं। डॉक्टर की बात मानते हुए मोहन, पत्नी और बच्चे को घर ले आया। एक घंटे ही बीते थे कि अचानक नवजात की तबीयत बिगड़ी, उसे फिर से अस्पताल लेकर आए। वहां देखा कि दिल्ली से दो सदस्यीय टीम के साथ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय मिश्रा आए हुए हैं। इस दौरान आसपास के कई डॉक्टर और जबलपुर से पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मौजूद (MP News) थी।
परिजन ने आरोप लगाया कि अस्पताल में सही ढंग से इलाज नहीं किया गया और दिल्ली से आने वाली टीम को साफ-सफाई दिखाने के लिए बीमार और अवस्था में ही छुट्टी कर दी गई। जिसके चलते नवजात की मौत हो गई। कायाकल्प की टीम स्वास्थ्य केन्द्र के अंदर जांच कर रही थी और बाहर नवजात के परिजन ग्रामीणों के साथ हंगामा कर रहे (MP News) थे।
सीएमएचओ से भिड़ गए परिजन
कायाकल्प अभियान की टीम के निर्देश पर स्वास्थ्य केन्द्र से बाहर आए सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा परिजनों को समझा रहे थे। आश्वासन दिया कि जो भी घटना हुई है, उसकी जांच करवा ली जाएगी। इतना सुनते ही परिवार वाले भड़क गए और डॉक्टरों की टीम से भिड़ गए। जिसके बाद दोनों ही पक्षों की बीच झड़प होने लगी। परिजन का आरोप है कि जबलपुर से आई स्वास्थ्य विभाग की टीम और डॉक्टरों ने उनके साथ मारपीट की है। हालांकि, सीएमएचओ ने विवाद कर रहे ग्रामीणों को अलग किया। विवाद की जानकारी लगते ही चरगवां थाना पुलिस का स्टाफ मौके पर पहुंचकर हंगामे को शांत (MP News) करवाया।
प्रगनेंट महिला को दिया धक्का
मिरगा गांव में रहने वाले मोहन यादव ने बताया कि जैसे ही बहू शिवानी को दर्द हुआ तो मेरी मां और पत्नी बहू को लेकर भिड़की स्वास्थ्य केन्द्र लेकर पहुंची। जहां पर मौजूद डॉक्टर और नर्सों ने कहा कि आज कुछ नहीं हो सकता है, सफाई चल रही है और स्वास्थ्य केन्द्र से बाहर भगा दिया, जिसके चलते कुछ ही देर बाद गेट पर ही बहू ने बच्चे को जन्म दे दिया। महिला की तबियत बिगड़ते देख हम लोग उसे उठाकर अंदर ले गए, तब नर्स और आया बाई ने डिलीवरी (MP News) करवाई।
अगले दिन थमा दिया छुट्टी का पर्चा
मोहन का कहना है कि अगले दिन 24 तारीख को डॉक्टर ने अस्पताल से छुट्टी का कागज थमा दिया और कहां कि सुबह 8 बजे घर चले जाना क्योंकि 9 बजे दिल्ली से टीम आ रही है। मोहन बहू को लेकर घर आ गया पर कुछ ही देर बाद बच्चे की तबीयत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई। परिजन ने आरोप लगाया कि, भिड़की स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ स्टाफ ठीक नहीं (MP News) है।
सीएमएचओ ने क्या कहा?
सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा का कहना है कि, भिड़की स्वास्थ्य केंद्र का दिल्ली से आने वाली टीम का 25 और 26 तारीख को निरीक्षण करना था, जिसकी तैयारी चल रही थी। 23 तारीख को शिवानी यादव को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल लाया गया था, जिसे भर्ती किया गया था। घर जाने के बाद बच्चे की मौत हो गई थी। मृतक बच्चे के परिजन दिल्ली से आई टीम के सामने ही विवाद कर रहे थे, उन्हें रोका गया और स्वास्थ्य केन्द्र से दूर ले जाने का जब प्रयास किया गया और तब वो नहीं जा रहे थे, उस दौरान धक्का-मुक्की हो गई (MP News) थी।
ये भी पढ़ें: एमपी में 10 हाथियों की मौत: सीएम मोहन यादव ने आपात बैठक की, उच्च स्तरीय दल करेगा जांच, 24 घंटे में रिपोर्ट होगी पेश