MP Soyabean Procurement: सोयाबीन उत्पादक किसानों की समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। सोयाबीन के कम रेट से किसान पहले से ही परेशान है और पिछले दिनों हुई अतिवृष्टि से किसानों पर दोहरी मार पड़ी है।
अतिवृष्टि के कारण फसल खराब हुई है, ऊपर से मंडी में रेट भी कम है, जिसके कारण किसान अपनी फसल में ही आग लगा रहे हैं। सोयाबीन की फसल जल रही है। धुंआ उठ रहा है।
किसान की मेहनत इस धुएं के के गुबार के साथ ही उड़ रही है। सोशल मीडिया में खरगोन के कसरावद का एक वीडियो सामने आया है। यहां एक किसान ने अपनी ही फसल में आग लगा दी।
किसान ने क्यों जलाई सोयाबीन की फसल
खरगोन के कसरावद के एक किसान ने अपनी ही फसल में आग लगा दी। किसान कमलेश हार्डिया का कहना है कि, ज्यादा बारिश होने की वजह से उसकी सोयाबीन की फसल खराब हो गई थी। अफलन की वजह से उसने अपनी फसल ही फूंक दी।
सोयाबीन की फसलों में फली तो लगी लेकिन दाने परिपक्व नहीं हुए। कटाई व थ्रेसिंग में फसल लागत भी नहीं मिलती देख कसरावद के किसान कमलेश हार्डिया को यह कदम उठाना पड़ा।
एक बीघे में फसल लगाने की लागत 15 हजार रुपये
किसानों के मुताबिक 15 हजार रुपये प्रति बीघा सोयाबीन फसल की लागत होती है। इसमें जुताई, बीज, खाद, कीटनाशक, कटाई सब शामिल है। लेकिन बेमौसम बारिश से सब बर्बाद हो गया।
एक बीघा में 5 से 6 क्विंटल उत्पादन होने की जगह डेढ़ से दो क्विंटल ही उत्पादन निकल रहा है। ऐसे में फसल की लागत भी निकलना मुश्किल है। थ्रेसर लगवाने का खर्चा भी नहीं निकल पाने के कारण किसान फसल में आग लगा रहे हैं।
सर्वे शुरु नहीं होने से नाराज किसान
बेमौसम बारिश से प्रदेश के मालवा और निमाड़ क्षेत्र में फसलों को ज्यादा नुकसान हुआ है। यहां सोयाबीन की बुआई लेट हुई। ऐसे में अतिवृष्टि के कारण फल्ली में अफलन की स्थिति हो गई।
MP के किसान खुद फूंक रहे सोयाबीन की फसल: खरगोन में 5 बीघा फसल में लगा दी आग, वजह जान हो जाएंगे हैरान
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इससे यहां फसलों को 60 फीसदी से अधिक तक का नुकसान हुआ है। हालांकि अब तक सर्वे शुरु नहीं हुआ है। इससे किसानों में भारी नाराजगी है।
कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना
इधर इस पूरे मामले को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एमपी सरकार पर तंज कसा है। जीतू ने किसान का वीडियो ट्वीट कर लिखा कि किसान महीनों की मेहनत से फसल उगाता है, दिन-रात खेत में मेहनत कर देशवासियों का पेट भरने के लिए अपनी फसल का ध्यान रखता है।
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लेकिन बीजेपी सरकार बार-बार किसानों को अपनी फसल बर्बाद करने पर मजबूर कर रही है। पहले गरोठ में कमलेश पाटीदार जी को ट्रैक्टर चलाकर सोयाबीन की फसल नष्ट करनी पड़ी, और अब कमलेश हार्डिया ने अपनी फसल में आग लगा दी।
वहीं कांग्रेस नेता अरुण यादव ने ट्वीट कर लिखा, ‘अपनी फसलों को आग लगाने के लिए मजबूर प्रदेश के किसान। मामला खरगोन जिले के कसरावद का है जहां कमलेश हाडिया ने अफलन की वजह से अपनी सोयाबीन की फसल में आग लगा दी।
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किसान विरोधी भाजपा सरकार ने न फसलों का सर्वे करवाया न किसानों को मुआवजा दिया, जिससे किसान अपने आपको ठगा समझ रहा है।’