By-Election Budni: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की परंपरागत बुधनी विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी रमाकांत भार्गव ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है।
उनकी नामांकन रैली में केंद्रीय मंत्री शिवराज, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह राजपूत (By-Election Budni) भी शामिल हुए। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि बुधनी में पिछले चार दिनों से चल रहे टिकट को लेकर बीजेपी के भीतर के अंतर्विरोध समाप्त हो गया है।
18 साल पहले भी आईं थी कठिनाई (By-Election Budni)
यह पहली बार नहीं है जब बुधनी में बीजेपी को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। 18 साल पहले, 2006 में जब इस सीट पर उपचुनाव हुआ था तब भी ऐसे ही राजनीतिक हालात बने थे। उस समय भी मुख्य किरदार राजेंद्र सिंह राजपूत ही थे। बाद में पार्टी ने राजपूत को वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन (By-Election Budni) का अध्यक्ष बनाया था।
पार्टी के सूत्रों के अनुसार इस बार भी डैमेज कंट्रोल करने के लिए राजपूत को निगम-मंडल अध्यक्ष बनाने का भरोसा दिया गया है। हालांकि राजेंद्र सिंह राजपूत ने स्पष्ट किया कि उन्हें पद की कोई लालसा नहीं है।
उन्होंने बताया कि 18 साल पहले वे विधायक का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके थे, इसलिए कार्यकर्ता चाहते थे कि इस बार उन्हें मौका मिले। वहीं, बुधनी सीट के सह प्रभारी रामपाल सिंह ने कहा कि यह पार्टी का विषय था जिसे बेवजह तूल दिया गया। अब स्थिति सामान्य हो गई है।
राजेंद्र राजपूत ने दी जानकारी
कार्यकर्ताओं ने राजेंद्र राजपूत को टिकट देने की मांग उठाई थी दूसरी तरफ राजपूत ने भी कहा कि कांग्रेस के राजकुमार पटेल को टिकट मिलने से पहले कांग्रेस ने उन्हें टिकट का ऑफर दिया था। खुद कमलनाथ उनके संपर्क में थे। मगर उन्होंने मना कर दिया और कहा कि मैं चुनाव लडूंगा तो बीजेपी से ही लडूंगा।
राजपूत कहते हैं कि मुझे पद की लालसा नहीं है। इसके बाद समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने भी उनसे संपर्क साधा था। पूर्व विधायक राजपूत ने कहा- राजकुमार का टिकट घोषित होने के तुरंत बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष का फोन आ गया कि आप समाजवादी से लड़ लो। हम अर्जुन आर्य को पीछे कर लेते हैं।
अर्जुन आपके साथ काम करेंगे। मैंने कहा- नहीं भैया, मैं पार्टी से जुड़ा आदमी हूं। मेरे पिता ने पार्टी के लिए जान कुर्बान कर दी। सीहोर में भाषण देते-देते अपने प्राण छोड़ दिए। मैं उनको कलंकित नहीं करूंगा। पार्टी टिकट देगी तो लडूंगा, नहीं देगी तो मुझे टिकट की भूख नहीं है। इसके बाद मुझे बहुजन समाज पार्टी से भी फोन आया। उनसे भी यही कहा कि पार्टी टिकट देगी तो लडूंगा। दूसरी पार्टी से चुनाव नहीं लडूंगा।
पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह राजपूत ने कहा कि मेरी स्वाभिमान की लड़ाई थी। मन में इच्छा थी कि विधायक के तौर पर 5 साल का कार्यकाल पूरा करूं। दोबारा मौका मिलेगा इसकी लालसा थी, मगर किसी और पार्टी से टिकट की इच्छा नहीं थी।
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