Lokayukta Action On CGST Officer: लोकायुक्त पुलिस ने इंदौर में एक बड़ी कार्रवाई में सीजीएसटी के सुपरिंटेंडेंट को 20,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई रिश्वतखोरी के खिलाफ लगातार चल रहे अभियान का हिस्सा है। बता दें प्रदेश में लगातार भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई हो रही है। इसके बाद भी सरकारी अफसरों में रिश्वतखोरी कम नहीं हो रही है। कल ही बिजली कंपनी के JE को 1 लाख की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था, इसके एक दिन पहले MPRRDA के सब इंजीनियर को 5 लाख कि रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। अब सेंट्रल जीएसटी के अफसर पर ही रिश्वतखोरी का आरोप लगा है।
जिस विभाग पर टैक्स चोरी का जिम्मा उसका अफसर ले रहा रिश्वत
देश में जीएसटी विभाग को लोगों द्वारा टैक्स चोरी से रोकने, टैक्स व्यवस्था को ठीक से लागू करने के दायित्व होते हैं। अब उसी विभाग का अफसर रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार हुआ है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मध्य प्रदेश में कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार की जड़ें सरकारी विभागों और प्रशासनिक अधिकारियों में कितने भीतर तक फैली हुईं हैं।
हर काम के तय कर रखे थे रेट
लोकायुक्त डीएसपी प्रवीणसिंह बघेल ने बताया कि आरोपी सुपरिंटेंडेंट CGST प्रभाग खंडवा को रिश्वत लेते उनके कार्यालयीन कक्ष में रंगे हाथों ट्रैप किया गया है। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में कार्रवाई की है। उसकी सैलरी सवा लाख रूपए महीने है। यूपी के रहने वाले रिश्वतखोर जीएसटी सुपरिटेंडेंट मुकेश त्रिपाठी जुलाई 2023 से खंडवा में पदस्थ हुआ था। जहां उसने हर हर काम के लिए रेट तय किए हुए थे। बिना रिश्वत लिए मुकेश किसी का काम ठीक से नहीं करता था।
इस तरह कार्रवाई को दिया अंजाम
दरअसल खंडवा के सनावद निवासी फरियादी राहुल बिरला ने लोकायुक्त पुलिस से शिकायत की थी कि सीजीएसटी (Central GST) के सुपरिंटेंडेंट मुकेश त्रिपाठी ने एक मेडिकल फर्म का रजिस्ट्रेशन सस्पेंड किया और तीन अन्य फर्मों में सुधार के लिए रिश्वत मांगी। राहुल की शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक राजेश सहाय ने कार्रवाई की और मुकेश त्रिपाठी को रंगे हाथ गिरफ्तार किया।