रिपोर्ट: श्याम चौहान, जशपुर
Unique Village of Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ की अलग-अलग पहचान है। यहां बारिश के मौसम में लोग झरनों के लिए जानते हैं। बारिश बंद होते ही बस्तर का दशहरा फेमस है। इतना ही यहां का कल्चर, रीतीरिवाज और खान पान भी प्रसिद्ध है। इसी प्रदेश से एक अनोखी खबर सामने आई है।
जहां के ग्रामीण अपने गांव (Unique Village of Chhattisgarh) का नाम लेने से भी कतराते हैं। इतना ही नहीं इस गांव में लोग अपने बेटे-बेटी का रिश्ता करना भी पसंद नहीं करते। यहां के युवाओं को अपनी शादी तक के लिए कई बार तो परेशान होना पड़ता है। हम आपको ऐसे अनोखे गांव के बारे में बता रहे हैं, यहां के लोग क्यों परेशान होते हैं-
अपने गांव का नाम बदलने की मांग
छत्तीसगढ़ के रायगढ़- जशपुर (Unique Village of Chhattisgarh) जिले के पत्थलगांव सीमावर्ती क्षेत्र कापू के तहसील अंर्तगत ‘टोनाहीनारा’ गांव के निवासियों ने उपहास से तंग आकर मुख्यमंत्री विष्णु देव से अपने गांव का नया नाम रखने की मांग की है। दरअसल, रायगढ़ और जशपुर जिले के अंतिम छोर पर एक ऐसा गांव है, जिसके नाम लेने से ग्रामीणों को जगह-जगह शर्मसार होना पड़ता है।
इतना ही नहीं यहां के गांव में लोग अपने बेटे-बेटियों की शादी करने से भी कतराते हैं। इससे यहां के युवाओं को कई बार अपनी शादी करने के लिए योग्य युवक-युवती नहीं मिल पाते हैं। इसी के चलते ग्रामीण बार-बार गांव का नाम बदलने की मांग कर रहे हैं।
गांव का नाम बताने पर उड़ाते हैं हंसी
दरअसल, इस गांव (Unique Village of Chhattisgarh) का नाम है टोनाहीनारा जो पत्थलगांव की सीमा से लगा है। कापू तहसील के इस गांव का अजीब नाम को लेकर महिलाओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणो से बात की तो यहां की महिलाओं ने बताया कि जब वे बाहर जाकर अपने गांव का नाम टोनाहीनारा बताती हैं तो लोग हंसी उड़ाते हैं। स्कूल के बच्चे भी अपने शिक्षक और परिजनों से गांव का अजीबोगरीब नाम को लेकर जब सवाल करते हैं तो उन्हें किसी से भी संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाता है।
पंचायत में पारित किया गया प्रस्ताव
इस समस्या से छुटकारा (Unique Village of Chhattisgarh) पाने के लिए ग्राम पंचायत के सरपंच ने ग्राम सभा की बैठक आयोजित की। इस बैठक में प्रस्ताव पारित कर उच्च अधिकारी, जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों से कई बार गुहार लगाई, लेकिन आज भी यह समस्या यथावत है। इस ग्राम पंचायत के लोगों ने अब मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से गुहार लगाकर अपने गांव का नाम बदलने की मांग की है।
टोनही का अर्थ होता है डायन
गांव के विजय शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ी (Unique Village of Chhattisgarh) बोली में, ‘टोनही’ का अर्थ डायन होता है। यह शब्द ऐतिहासिक रूप से अंधविश्वास और उत्पीड़न से जुड़ा हुआ है, और कानूनी तौर पर इसे एक अपशब्द के रूप में देखा जाता है। 2005 में टोनही उत्पीड़न अधिनियम के अधिनियमन के बावजूद, जिसका उद्देश्य इस शब्द के दुरुपयोग को रोकना है। ‘टोनाहीनारा’ का मतलब है ‘चुड़ैल नहर’।
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ऐसे पड़ा इस गांव का नाम
गांव के बड़े बुजुर्ग बताते हैं कि इस गांव (Unique Village of Chhattisgarh) का नाम करीब 70 साल पहले एक महिला की रहस्यमयी मौत के बाद पड़ा। जिस पर जादू-टोना करने का संदेह था। टोनही शब्द का इस्तेमाल अक्सर गाली के तौर पर किया जाता है, जिससे सबसे ज़्यादा परेशानी महिलाओं को होती है। महिलाओं ने शिकायत की है कि लोग उन्हें नीची नज़र से देखते हैं और उनका मज़ाक उड़ाते हैं। पंचायत की एक महिला ने कहा, जो लोग इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं, उन पर छत्तीसगढ़ डायन-बिसाही अत्याचार (रोकथाम) अधिनियम, 2005 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है, लेकिन जब गांव का नाम ही टोनाही के नाम पर हो, तो क्या किया जा सकता है।
आत्मसम्मान, गरिमा भी प्रभावित
बता दें कि इस गांव (Unique Village of Chhattisgarh) का नाम बदलने के लिए शासन प्रशासन को कई बार आवेदन दिया, लेकिन ‘टोनाही’ टैग हटाने के लिए अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ग्रामीणों ने बताया कि यह उपहास का कारण भी बन गया है। यह हमारे आत्मसम्मान और गरिमा को प्रभावित करता है। ग्रामीण बताते हैं कि “टोनाहिनारा नकारात्मक रूढ़ियों से जुड़ा हुआ है और हम गांव के बाहर के लोगों के साथ बातचीत करते समय शर्मिंदगी महसूस करते हैं। यह कलंक गांव के बच्चों को भी प्रभावित करता है।
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