MP Teacher Bharti Controversy: उच्च माध्यमिक यानी वर्ग 1 शिक्षक भर्ती 2023 को लेकर एमपी हाईकोर्ट की बेंच ने हाल ही में एक बड़ा फैसला सुनाया।
हाईकोर्ट ने विभाग को उन उम्मीदवारों के लिये दोबारा चयन परीक्षा 2 महीने के अंदर आयोजित करने के निर्देश दिये हैं जिन्हें कोविड-19 के तहत जारी आदेश के पालन में आयु सीमा में 3 साल की छूट मिलनी थी, लेकिन ये छूट नहीं दी गई।
वर्ग 1 शिक्षक भर्ती का ये अकेला मामला नहीं है जो कोर्ट में विचाराधीन था, बल्कि इसी एक भर्ती में अलग अलग इश्यू को लेकर कोर्ट में याचिकाएं लगी हैं। हाईकोर्ट के इस आर्डर का असर उन भर्ती विवादों पर भी पड़ेगा।
2022 में नई भर्ती नहीं हुई थी द्वितीय काउंसलिंग
वर्ग 1 शिक्षक भर्ती से जुड़े विवादों में विभाग की ओर से हमेशा ये साबित करने का प्रयास रहा कि 2022 में नया विज्ञापन जारी कर नई भर्ती की गई।
नई भर्ती नहीं 2022 में हुई थी द्वितीय काउंसलिंग: दोबारा चयन परीक्षा से उम्मीदवार मेरिट में आए तो बढ़ाने होंगे पद!
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हालांकि हाईकोर्ट ने अब ये स्पष्ट कर दिया है कि 1 दिसंबर 2022 तक की सभी नियुक्तियां बिना किसी अलग भर्ती परीक्षा (MP Teacher Bharti Controversy) के की गई थीं।
ये नियुक्ति के लिए आयोजित बार-बार की गई प्रक्रियाएं कुछ और नहीं, बल्कि नियुक्ति के लिए मात्र काउंसलिंग प्रक्रियाएं थीं, क्योंकि आगे कोई चयन परीक्षा कभी आयोजित नहीं की गई थी।
EWS मामले में पड़ेगा असर!
वर्ग 1 शिक्षक भर्ती 2018 में 848 EWS उम्मीदवारों की नियुक्ति मामले में 12 नवंबर को हाईकोर्ट में फाइनल सुनवाई होना है। इस मामले में भी विभाग की ओर से 2022 की भर्ती को नया बताने की कोशिश हुई।
इसी आधार पर DOPT के लेटर को प्रस्तुत कर बिंदु क्रमांक 6.3 को लेकर बैकलॉग कैरी फॉरवर्ड नियम का हवाला दिया गया था, पर ये नियम तो फ्रेश यानी नई भर्ती पर लागू होते हैं और हाईकोर्ट ये स्पष्ट कर चुका है कि 2022 में हुई प्रक्रिया नई भर्ती नहीं बल्कि द्वितीय चरण की काउंसलिंग थी। ऐसे में अब इसका असर EWS मामले में भी पड़ सकता है।
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विभाग के पास क्या क्या विकल्प
1. विभाग हाईकोर्ट के फैसले को चैलेंज कर सकता है, लेकिन इससे भर्तियां प्रक्रिया और लंबी खिंच सकती है। वैसे भी एक ही भर्ती से जुड़े अलग अलग इश्यू को लेकर कई याचिकाएं हैं। एक मामले का फैसला दूसरे केस पर पड़ सकता है, ऐसे में यदि किसी फैसले को चुनौती दी जाती है तो भर्ती और लंबी खिंच जाएगी।
2. विभाग हाईकोर्ट के फैसले का पालन करता है तो उसे दो महीने के अंदर पात्र उम्मीदवारों के लिये दोबारा चयन परीक्षा करनी होगी। ऐसे में वर्तमान मेरिट डिस्टर्ब होना तय है। ऐसे में 2023 की भर्ती की प्रथम काउंसलिंग के ज्वाइनिंग लेटर अटक सकते हैं। क्योंकि यदि दूसरी चयन परीक्षा में कोई उम्मीदवार पहली चयन परीक्षा के मेरिट होल्डर जितने अंक ले आता है तो नौकरी किसे दी जाएगी।
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क्या पदवृद्धि हो सकता है विकल्प?
वर्ग 1 शिक्षक भर्ती में 848 EWS उम्मीदवारों का पेंच पहले से ही फंसा हुआ है, हालांकि इसमें 12 नवंबर को फाइनल जजमेंट आ सकता है। दोबारा चयन परीक्षा से भी मेरिट में उम्मीदवार निकलकर सामने आएंगे। स्कूलों में शिक्षकों के हजारों पद खाली हैं।
ऐसे में किसी भी कारण से वर्ग 1 शिक्षक भर्ती 2023 की प्रथम काउंसलिंग के ज्वाइनिंग लेटर होल्ड से अच्छा तो यही है कि पदवृद्धि की संभावनाओं पर विचार कर इन सभी मामलों का निराकरण कर दिया जाए।