Olaf Schulz’s India visit: जर्मनी अपने देश की इकॉनमी को अच्छी रखने के लिए भारत से उम्मीद जता रहा है. हाल ही में जर्मन में हुई कैबिनेट मीटिंग में भारत के स्किल्ड वर्कर को बढ़ावा देने के लिए अहम कदम उठाए गए हैं.
बता दें यह मीटिंग जर्मन चांसलर ओलाफ शुल्ज के 25 अक्टूबर के भारत दौरे से पहले रखी गई. एक रिपोर्ट के मुताबिक शुल्ज कैबिनेट ने श्रम और विदेश मंत्रालयों द्वारा प्रस्तुत 30 फैसलों को पारित किया है.
इन फैसलों के मुताबिक जर्मनी के श्रम बाज़ार में स्किल्ड (Germany Chancellor India visit) वर्कर्स की कमी को दूर करने के लिए भारतीय प्रोफेशनल को आकर्षित करेंगे.
जर्मनी में वर्कफोर्स की कमी- आईडब्ल्यू
जर्मनी आर्थिक संस्थान (आईडब्ल्यू) ने बताया कि जर्मनी वर्क फोर्स की कमी का सामना कर रहा है और कहा कि 2023 के अंत तक देश में 570,000 नौकरियां खाली थीं”.
इसके साथ ही जर्मनी के लेबर मिनिस्टर सुबर्टस हील ने कहा कि “भारत में हर महीने दस लाख नए लोग श्रम चाजार में प्रवेश करते हैं। यही कारण है कि कुशल श्रमिकों के प्रवास के मामले में जर्मनी भारत को विशेष रूप से महत्वपूर्ण साझेदार मानता है”.
भारतीय छात्रों को प्रोत्साहित करेगी जर्मनी सरकार
जर्मनी के लेबर मिनिस्टर होल अगले हफ्ते चांसलर ओलाफ शुल्ज और अन्य उच्च-स्तरीय सरकारी प्रतिनिधि के साथ राजधानी दिल्ली में अधिकारीयों के साथ बैठक में शामिल होंगे. इस दौरान जर्मनी में संभावित (Olaf Schulz’s India visit) भविष्य के बारे में छात्रों से बात करेंगे. साथ ही एक स्कूल का दौरा भी करेंगे.
भारत के छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए जर्मनी में कई (Germany Chancellor India visit) प्रोग्राम चलाए जाएंगे. इतना ही नहीं स्किल्ड लेबर के माइग्रेशन मैनेजमेंट के लिए साल के अंत तक नया डिजिटल वीजा पेश किया जाएगा.
जर्मनी में 1.37 लाख भारतीय स्किल्ड वर्कर
जर्मनी ने 2024 की पहली छमाही में 80,000 कार्य वीजा जारी किए हैं. जर्मनी के संघीय श्रम मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, फरवरी 2024 में लगभग 1,37,000 भारतीय कुशल श्रमिक वहां काम कर रहे थे, जो 2023 की तुलना में 23,000 ज्यादा हैं.
2015 में ऐसे पदों पर काम करने वाले भारतीयों की संख्या लगभग 23,000 थी। इन आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि जर्मनी में रहने वाले भारतीयों की बेरोजगारी दर सिर्फ 3.7% है, जबकि उस समय की औसत बेरोजगारी दर 7.1% थी, जो कि काफी ज्यादा है.