Railway Reservation New Rule: आप यदि ट्रेन से सफर करते हैं तो ये खबर आपके लिये बेहद जरुरी है। रेलवे ने टिकट आरक्षण नियमों में बदलाव किया है।
अब यात्रा से 120 दिन पहले नहीं बल्कि सिर्फ 60 दिन पहले ही एडवांस रिजर्वेशन किया जा सकेगा। रेलवे ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिये हैं। आदेश के मुताबिक नया नियम 1 नवंबर से लागू हो जाएगा।
अक्टूबर के बाद के रिजर्वेशन होंगे कैंसिल!
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि 120 दिनों की एआरपी (एडवांस रिजर्वेशन) के तहत 31 अक्टूबर 2024 तक की गई सभी बुकिंग बरकरार रहेंगी।
हालाँकि, 60 दिनों की एआरपी से परे की गई बुकिंग को रद्द करने की अनुमति होगी। यानी अक्टूबर के बाद कि ऐसे रिजर्वेशन जो 120 दिन पहले के हिसाब से किये गए हैं, रेलवे उन बुकिंग को कैंसिल कर सकता है।
इन ट्रेनों के रिजर्वेशन पर नहीं पड़ेगा असर
पैसेंजर मार्केटिंग के डायरेक्टर संजय मनोचा ने 16 अक्टूबर को दिये अपने आदेश में बताया कि ताज एक्सप्रेस, गोमती एक्सप्रेस जैसी कुछ दिन के समय चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों के मामले में आरक्षण नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
विदेशी पर्यटकों के लिए 365 दिनों की सीमा के मामले में भी कोई बदलाव नहीं होगा। आदेश की कॉपी रेलवे के सभी जोनल कार्यालयों में भेज दी गई है।
लॉकडाउन में सीमा घटाकर कर दी थी एक माह
बता दें कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान इस सीमा का घटाकर एक महीने कर दिया था, लेकिन हालातों में सुधार आने के बाद मई 2021 को फिर इस सिस्टम को पहले जैसा कर दिया था।
तब से ऐसे पैसेंजर जिनका यात्रा प्लान पहले से फिक्स है, वे 4 महीने पहले से भी रिजर्वेशन करवा पा रहे थे।
यात्रा से कई दिनों पहले इसलिए करवाते हैं रिजर्वेशन
अक्सर देखा जाता है कि भारतीय रेलवे में टिकट को लेकर काफी मारा-मारी रहती है। कई रूट्स तो ऐसे हैं, जहां लोग भी काफी ज्यादा हैं और ट्रेनों की संख्या कम होने से भी काफी भीड़ रहती है।
ऐसे में लोग रेल यात्रा से काफी दिन पहले ही ट्रेन की टिकट करवा लेते हैं ताकि उन्हें बाद में कोई दिक्कत ना हो। यही कारण है कि अब तक कई बार लोग 4 माह पहले से रिजर्वेशन करवा लेते थे।
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इसलिए रिजर्वेशन कराने के दिनों को किया कम
ट्रेन से सफर करने वाले लोग 4-4 महीने पहले ही अपने रिजर्वेशन करा लेते थे। कुछ तो वेटिंग टिकट कराने से भी परहेज नहीं करते थे। इस बीच में रेलवे यात्री लोड को कम करने के लिए रेलवे स्पेशल ट्रेन भी शुरु करता है।
लेकिन पहले से रिजर्वेशन करा चुके यात्री बीच बीच में नई ट्रेनों में आरक्षण की अपडेट स्थिति देखने की जगह अपनी निर्धारित ट्रेन में ही वेटिंग क्लीयर होने का इंतजार करता है और वेटिंग क्लीयर नहीं होने वेटिंग टिकट पर ही यात्रा करने लगता है। इससे रेग्यूलर ट्रेन में यात्रियों की भीड़ बढ़ जाती है, वहीं कुछ स्पेशल ट्रेनें खाली ही दौड़ती रहती हैं।