India Canada: खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने बड़ा खुलासा किया है। उसका कहना है कि वो पिछले कई सालों से कनाडा के पीएम ट्रूडो के संपर्क में है। उसने भारत के खिलाफ कनाडा को जानकारी मुहैया कराई जिस पर कनाडा के पीएम ट्रूडो ने कार्रवाई की है। पन्नू ने ये भी कहा कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो का बयान न्याय, कानून के शासन और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति कनाडा की अटूट प्रतिबद्धता को दिखाता है।
भारतीय अधिकारियों और RSS पर बैन की मांग
कनाडा की NDP पार्टी के नेता जगमीत सिंह, जो खालिस्तान के समर्थक हैं, ने भारत के साथ चल रहे विवाद के बीच भारतीय अधिकारियों और RSS पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमें भारतीय राजनयिकों और RSS पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है। उनका कहना है कि RSS एक आतंकवादी संगठन है, जो कनाडा और अन्य देशों में हिंसक गतिविधियों में शामिल है। NDP पार्टी पिछले महीने तक कनाडा सरकार में शामिल थी। जगमीत सिंह ने सितंबर में ट्रूडो सरकार से समर्थन वापस ले लिया।
6 भारतीय राजनायिक निष्कासित
पिछले साल खालिस्तानी समर्थक निज्जर की हत्या के केस में कनाडा ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए। सोमवार को कनाडा ने 6 भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था। इसे लेकर पन्नू ने कहा कि ये कार्रवाई उसके ही कहने पर कनाडा के प्रधानमंत्री ने की है।
पन्नू ने आरोप लगाया कि उसके संगठन (SFJ) ने कनाडा PMO को जानकारी दी कि कैसे भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा के साथ अन्य अधिकारी और इन सबके पहले के अधिकारियों देश में जासूसी का नेटवर्क बनाया, जिसने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या करने वाले भारतीय एजेंटों की मदद की।
पन्नू बोला- हत्या की साजिशों से नहीं डरता
खलिस्तानी आतंकवादी पन्नू ने कहा कि कनाडाई सिख के नाते, हमें वैंकूवर और टोरंटो में भारतीय दूतावासों को हमेशा के लिए बंद करना चाहिए। उसका मानना है कि इसके बाद भारत अन्य लोगों को राजनयिकों की जगह भेजेगा, जिससे भारत का जासूसी नेटवर्क खत्म नहीं होगा। पन्नू ने ये भी कहा कि वो भारत की हत्या की धमकियों या सरकार की ओर से उसके खिलाफ बनाई जा रही साजिशों से नहीं डरता, चाहे वो कनाडा में हो या अमेरिका में।
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भारतीय-कनाडाई समुदाय पर पन्नू ने लगाए आरोप
पन्नू ने भारतीय-कनाडाई समुदाय पर कनाडा के संविधान के प्रति निष्ठा न रखने का आरोप लगाया। उसने कहा कि ये भारतीय-कनाडाई, जिनके भारत में परिवार हैं, क्या वे कनाडा के संविधान के प्रति वफादार हैं या वे अभी भी भारतीय संविधान के प्रति अपनी वचनबद्धता दिखाना चाहते हैं? क्योंकि हरदीप निज्जर की हत्या के बाद से मैंने किसी भी भारतीय-कनाडाई संगठन को मोदी सरकार का समर्थन करते हुए खुलकर नहीं देखा है।
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