CG Indravati-Mahanadi Link: छत्तीसगढ़ के बस्तर में बारशि के सीजन के दौरान हर साल बाढ़ आती है। इससे इस संभाग के रहवासी हर साल परेशान हो जाते हैं। बस्तर के कई गांव ऐसे हैं, जहां हर साल बाढ़ आती है और ग्रामीणों के घर तबाह हो जाते हैं। इन सभी समस्याओं का समाधान करने के लिए सरकार नया प्रस्ताव लाने वाली है।
इस प्रस्ताव में दो बड़ी नदी इंद्रावती और महानदी (CG Indravati-Mahanadi Link) को जोड़ने की योजना है। इसके लिए 131 किमी लंबी नहर का प्रस्ताव तैयार किया है। अगर दोनों नदियां आपस में जुड़ जाती है तो बस्तर में बाढ़ आना बंद हो जाएगी।
धान की खेती को मिलेगा बल
नहर बनने के बाद महानदी (CG Indravati-Mahanadi Link) में पानी बढ़ जाएगा। इसका फायदा गरियाबंद, रायपुर और महासमुंद के इलाकों में होगा। जहां किसानों को धान की खेती करने में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सकेगा। इसका प्रस्ताव जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने केंद्र सरकार से साझा किया है। उन्होंने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल को भी इसकी जानकारी दी थी। केंद्र से स्वीकृति मिलने के बाद डीपीआर के लिए काम शुरू हो जाएगा।
पानी रोकने के लिए बनेंगे दो बैराज
इंद्रावती नदी का पानी रोकने बैराज (CG Indravati-Mahanadi Link) का निर्माण किया जाएगा। इस नदी पर दो बैराज बनाए जा रहे हैं। चित्रकोट में तोकापाल तहसील के देउरगांव के पास पहला बैराज बनाने का प्लान है। इसकी ऊंचाई 5 मीटर और लंबाई 297 मीटर रहेगी। इसके अलावा 5-5 मीटर के 24 रेडियल गेट भी लगेंगे।
इसके लिए 27 किलोमीटर की नहर बनाई जाना है, इससे 9 गांवों के 1800 हेक्टेयर में सिंचाई की जाएगी। बैराज नंबर दो का निर्माण मटनार में होगा। इसकी ऊंचाई 32 मीटर होगी और लंबाई 466 मीटर। इस बैराज में 14 गेट लगाए जाएंगे। बैराज में 7 मेगावाट के 3 जल विद्युत उत्पादन यूनिट भी लगेंगे। यह 11801 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र कवर कर पानी को रोकेगा।
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इन इलाकों से गुजरकर जाएगी नहर
सरकार के द्वारा जो ड्राफ्ट (CG Indravati-Mahanadi Link) तैयार किया गया है, उसमें बस्तर चित्रकोट इंद्रावती से नहर की शुरुआत की जाएगी। जो कि बीजापुर, नारायणपुर, कोंडागांव, केशकाल, कांकेर से महानदी में जाकर मिलेगी। इसकी लंबाई 131 किलोमीटर है। इस बीच रास्ते में कई पहाड़ों से नहर गुजरेगी। महानदी में मिलने के बाद नहर दो दिशाओं में बदल जाएगी, इसमें गरियाबंद और बालोद की ओर बहेगी।
इस संबंध में जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने जानकारी दी कि इंद्रावती से महानदी को जोड़ने को लेकर योजना बनाई गई है। इस योजना की शुरुआत से पहले सर्वे का काम होगा। इसके बाद इसके खर्च को लेकर डीपीआर बनाई जाएगी। इन सबको लेकर केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया है।
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