PM Awas Demolished: रीवा जिले के सेमरिया विधानसभा क्षेत्र के हर्दी के रहट गांव में तालाब की मेढ़ पर बने मकान को हाईकोर्ट के आदेश पर ध्वस्त कर दिया गया है। प्रशासन की इस कार्रवाई से 100 से अधिक लोग बेघर हो गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि आधा दर्जन पीएम आवास भी तोड़ दिए गए हैं। कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कहा है कि जो लोग पात्र हैं, उन्हें अन्यत्र बसाने की व्यवस्था की जाएगी। अब सवाल उठ रहे हैं कि जमीन अवैध थी तो वहां पीएम आवास कैसे बना दिए गए।
अवैध जमीन पर पीएम आवास कैसे बने?
गांव वालों का सवाल है कि जब जमीन अवैध थी तो सरपंच और सचिव ने उन्हें पीएम आवास योजना (PM Awas Yojana) के पैसे क्यों दिए और उनपर कब कार्रवाई होगी? ग्रामीण यह जानना चाहते हैं कि कितने मकान अवैध थे और क्या कोर्ट ने सभी मकानों को तोड़ने का आदेश दिया था।
सर्दी का मौसम आ रहा है ऐसे में तिरपाल में कैसे गुजारेंगे दिन
गांव वालों का कहना है कि 10 घरों को नोटिस मिला था, लेकिन 23 मकान तोड़ दिए गए। उन्हें सामान निकालने का भी मौका नहीं दिया गया। ठंड का मौसम आ रहा है और छत चली गई है, जिससे लोग तिरपाल के नीचे जीवन बिता रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि जिन लोगों को नोटिस मिला था, उन्होंने अपने सामान निकाल लिए, जबकि जिनको नोटिस नहीं मिला, उन्हें सामान निकालने का कोई अवसर नहीं दिया गया।
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कलेक्टर बोलीं पात्र लोगों को दूसरी जगह बसाएंगे
कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके माता-पिता नहीं हैं और वे मजदूरी करके दो वक्त की रोटी का इंतजाम करते थे। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। तिरपाल के नीचे रखे सामान को छोड़कर मजदूरी पर नहीं जा सकते, और इस स्थिति में दो वक्त की रोटी का इंतजाम कैसे होगा, यह चिंता उन्हें परेशान कर रही है। वहीं कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कहा कि कुछ लोगों के दूसरी जगह मकान हैं। ये सभी मकान सरकारी भूमि पर बने थे। हालांकि जो लोग पात्र हैं उन्हें दूसरी जगह पट्टे दिए जाएंगे।
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