MP Khandwa Crime News: अगर एक लाख दे दूंगा तो मेरे बच्चे क्या खाएंगे, मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में एक सहायक सचिव ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या से पहले मृतक ने एक वीडियो सोशल मीडिया (Assistant Secretary suicide) पर अपलोड किया, जिसमें उसने अपनी मौत की वजह बताई। मृतक ने पुनासा जनपद पंचायत सीईओ को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है। परिजनों ने भी कहा कि नौकरी जाने के बाद से वह काफी परेशान चल था।
खंडवा में सहायक सचिव ने जहर खाकर ( Khandwa news)किया सुसाइड, पुनासा जनपद पंचायत सीईओ को मौत का जिम्मेदार बताया है. सहायक सचिव ने सुसाइड करने से पहले एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड किया है.
इस वीडियो में सहायक सचिव ने सुसाइड की वजह बताया है. मृतक ने सुसाइड करने से पहले वीडियो बनाकर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया है. पुनासा अस्पताल से गजेन्द्र सिंह ठाकुर को जिला अस्पताल में रेफेर किया गया लेकिन देर शाम सहायक सचिव की मौत हो गयी.
नौकरी जानें से परेशान था सहायक सचिव- परिजन
जानकारी के मुताबिक मंगलवार शाम को खंडवा के गुलगांव में रैय्यत जनपद पंचायत के सहायक सचिव सचिव (Assistant Secretary suicide) गजेंद्र सिंह राठौर ने भ्रष्टाचार और नौकरी चले जाने से परेशान होकर सुसाइड कर ली.
मौत से पहले गजेंद्र सिंह राठौर ने एक वीडियो बनाया जिसमें उसने कहा कि मेरी मौत का जिम्मेदार पुनासा जनपद पंचायत सीईओ रीना चौहान हैं. गंजेंद्र सिंह ने सुसाइड का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है.
इतना ही नहीं गजेंद्र सिंह राठौर के परिजनों ने भी कहा कि नौकरी जाने के बाद से वह काफी परेशान चल रहा था.
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“एक लाख दूंगा तो बाल-बच्चे कैसे पालूंगा”
पुनासा जनपद पंचायत के सहायक सचिव ने सुसाइड का सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. जिसमें वो कहता नजर रहा है कि ‘भ्रष्टाचारी सरकार में भ्रष्ट अधिकारी हैं. अगर मैं एक लाख रूपए दे देता तो मेरी नौकरी रहती.
नोट: बंसल न्यूज इस खबर में दिखाए गए वीडियो की पुष्टि नहीं करता। ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हमारा उद्देश्य किसी भी तरह से इस तरह की घटनाओं को बढ़ावा देना नहीं है।
लेकिन, अगर मैं उन्हें एक लाख रुपए दे दूंगा तो बाल-बच्चे कैसे पालूंगा?’ इधर, मृतक के परिजन का कहना है कि शाम को केनूद के तालाब के पास उन्होंने जहरीला पदार्थ पी लिया था.
जैसे ही हमें पता चला तो हम मौके पर पहुंचे और उन्हें पुनासा के अस्पताल लेकर पहुंचे। उस समय तक वो जिंदा थे, लेकिन उनकी हालत बहुत गंभीर थी.
रीना चौहान ने आरोपों को किया ख़ारिज
इस मामले में जनपद पंचायत पंचायत सीईओ रीना चौहान का बयान भी सामने आया है. जिसमें उन्होंने कहा कि सहायक सचिव गंजेंद्र सिंह ठाकुर झूठ बोल रहे हैं. मुझे यहां आये 2 साल हुए हैं, तबकी ये केस दो साल पुराना है.
जब वे काम पर ही नहीं आ रहे थे तो वेतन कैसे बनेगा. जिस 5 महीने के वेतन की ये बात कर रहें हैं इस दौरान वे काम पर आये ही नहीं हैं. फिलहाल सहायक सचिव गजेंद्र राठौर की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है.