ATS and NCB Raid in Bhopal Factory: भोपाल के बगरोदा पठार इंडस्ट्रियल एरिया में ड्रग्स फैक्टरी पर गुजरात ATS और NCB की छापेमारी में 1814 करोड़ की MD ड्रग पकड़े जाने के बाद मामले में सियासी बवाल मच गया है। कांग्रेस ने MP सरकार और डिप्टी CM जगदीश पर जमकर निशाना साधा है।
आपको बता दें कि मामले में एक आरोपी हरीश आंजना की डिप्टी CM के साथ फोटो सामने आने के बाद PCC चीफ जीतू पटवारी ने जगदीश देवड़ा के इस्तीफे की मांग की है। इसके साथ ही गुजरात पुलिस की कार्रवाई पर भी कई सवाल उठाए हैं। वहीं एमपी का इंडस्ट्री डिपार्टमेंट, नारकोटिक्स विंग, इंटेलिजेंस विंग और मध्य प्रदेश पुलिस (MP Police) चारों ही सवालों के घेरे में हैं।
भोपाल: ड्रग्स से जुड़ी बड़ी खबर, पुलिस पूछताछ में एसके सिंह ने किया खुलासा, 'अमित चतुर्वेदी को साबुन बनाने के लिए दी थी फैक्ट्री'#breakingnews #breaking #madhyapradesh #drugsconnection #bhopal #ats #ncb #industrialarea #privateFactory #SKSingh #AmitChaturvedi #drugs… pic.twitter.com/WEBySKX82w
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PCC चीफ जीतू पटवारी ने मांगा जगदीश देवड़ा का इस्तीफा
इधर, मामले में कांग्रेस ने मध्य प्रदेश सरकार और डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा को घेरे में लिया है। बता दें कि मामले में एक आरोपी हरीश आंजना की डिप्टी CM के साथ तस्वीरें सामने आने के बाद PCC चीफ जीतू पटवारी ने जगदीश देवड़ा का इस्तीफा मांगा है।
जीतू पटवारी ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए कहा की, जिसमें पृथ्वीपुर विधायक और कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष नितेंद्र सिंह राठौड़, पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल, मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक, NSUI के प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे और राजीव सिंह मौजूद रहे।
साबुन बनाने के लिए किराए से ली थी फैक्ट्री
पुलिस पूछताछ में एसके सिंह ने ये खुलासा किया है कि फैक्ट्री को साबुन बनाने का कहकर किराए से लिया गया था। जयदीप से फैक्ट्री किराए पर लेते वक्त कॉन्ट्रैक्ट किया था। इसके साथ ही फैक्ट्री में फर्नीचर कारखाने को चलाने की भी बात की गई थी। बता दें कि एसके सिंह BHEL से रिटायर्ड कर्मचारी हैं।
एमडी ड्रग्स केस का मंदसौर कनेक्शन
भोपाल के इंडस्ट्रियल एरिया (Industrial Area) बगरोदा में बनाए जा रहे ड्रग्स केस का कनेक्शन मालवा से भी जुड़ने की खबर सामने आई है। गुजरात ATS और NCB ने आरोपी हरीश आंजना को लेकर मंदसौर पहुंची है।
सूत्रों की मानें तो आरोपी के घर सहित अन्य जगहों पर दबिश दी है। इसके साथ ही कुछ अन्य लोगों से भी पूछताछ चल रही है। एजेंसियां आरोपी से पूछताछ कर कार्रवाई कर रही हैं।
ड्रग्स फैक्ट्री (Drugs Factory) मामले में मालिक एसके सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि पूर्व मालिक जयदीप भोपाल से बाहर है। पुलिस आरोपी जयदीप की तलाश में जुटी हुई है।
2020 के बाद नहीं हुआ फैक्ट्री का सर्वे
आपको बता दें कि जयदीप सिंह ने फर्नीचर फैक्ट्री के लिए इस जमीन को लीज पर लिया था, जो कि मेसर्स वास्तुकार प्रोपराइटर (M/s Architect Proprietor) के नाम से रजिस्टर्ड है। इसके 2 साल बाद जयदीप सिंह के द्वारा इसे भेल से रिटायर्ड SK सिंह को बेच दिया था।
SK सिंह ने 6 महीने पहले फैक्टरी को अमित चतुर्वेदी को किराए पर दे दी थी। साल 2020 से इस फैक्ट्री का आखिरी सर्वे हुआ था। इसके बाद फैक्ट्री में क्या चल रहा था, ये किसी को पता नहीं।
फिलहाल करोड़ों के एमडी ड्रग्स (ATS and NCB Raid in Bhopal Factory) पकड़ाने के बाद ये फैक्ट्री किसने, किसको और किसलिए किराए पर दी और कबसे उसमें ड्रग्स बनने लगा, इसका जवाब कोई देने के लिए तैयार नहीं है।
आरोपियों पर किया मामला दर्ज
हालांकि पुलिस ने धारा 223 के तहत जयदीप और एसके सिंहपर मामला दर्ज कर लिया है। MP औद्योगिक विकास निगम (MP Industrial Development Corporation) के कार्यकारी निदेशक विशाल सिंह चौहान की मानें तो जयदीप सिंह ने फैक्टरी किराए पर दी, जो कि नियमों का उल्लंघन है। अब निगम, जयदीप के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी में जुटा हुआ है। IG कानून व्यवस्था एमपी अंशुमन सिंह के ने बताया कि हम ATS गुजरात और NCB दिल्ली के संपर्क में हैं।
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मामले में तीसरा आरोपी भी गिरफ्तार
मामले में आरोपियों को ट्रांजिट वारंट पर गुजरात ले जाया गया है। दोनों आरोपियों को पहले भोपाल कोर्ट (Bhopal Court) में पेश किया गया। इसके बाद ट्रांजिट वारंट पर लेकर एटीएस गुजरात के लिए रवाना हुई। वहीं 2017 में सान्याल अंबोली इलाके में 1 किलो ड्रग्स के साथ पकड़ा गया था। मामले में उसे 5 साल की सजा हुई थी।
फैक्ट्री के 2 मजदूरों को पुलिस ने पूछताछ के बाद छोड़ दिया है। उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि फैक्ट्री में केमिकल के नाम पर ड्रग्स तैयार की जाती है। मामले में तीसरे आरोपी हरीश आंजना उम्र 32 साल को भी पकड़ा गया है। बरामद किए गए ड्रग्स की कीमत 1814 करोड़ रुपए बताई जा रही है।
अब तक हुई जांच में पता चला है कि ड्रग्स तस्करी (ATS and NCB Raid in Bhopal Factory) का ये इंटरनेशनल नेटवर्क है, जो कि जेल में तैयार हुआ था। आरोपियों द्वारा ड्रग्स को खरीदने के लिए क्रिप्टो करेंसी का भी उपयोगी किया जाता था।
ऐसे हुई आरोपियों की मुलाकात
बता दें कि आरोपी प्रकाश चंद्र चतुर्वेदी साइंस ग्रेजुएट है, जो कि पहले प्राइवेट जॉब करता था। इसके बाद उसने दो कारोबारों को शुरू किया, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी दोनों में फेल रहा।
आरोपी से पूछताछ में पहले ये बताया कि उसे इस बात की जानकारी नहीं है कि उसकी फैक्ट्री में जो केमिकल बन रहा है, उसे नशे के लिए उपयोग किया जा रहा है।
जब एटीएस न सख्ती से पूछताछ की तब उसने खुलासा किया कि सान्याल बाने से वह पुराना परिचित है। एक दोस्त के जरिए उसकी मुलाकात मुंबई (Mumbai Jail) में हुई थी।
इसके बाद दोनों कई बार नासिक में भी मिले थे। 5 साल पहले NDPS एक्ट केस में सान्याल को 5 साल की सजा हुई थी। उसने ऑर्थर रोड स्थित जेल मुंबई (Mumbai Jail) में सजा काटी थी।
जेल में तैयार हुआ तस्करों का नेटवर्क
जब सान्याल जेल में सजा काट रहा था, तो उसकी मुलाकात जेल में बंद अलग-अलग प्रदेशों के ड्रग्स तस्करों (ATS and NCB Raid in Bhopal Factory) से हुई। इनमें कुख्यात तस्कर तुषार गोयल भी शामिल था, जो कि दिल्ली का रहने वाला है।
उसके हरियाणा, पंजाब, नेपाल और गुजरात में भी कई ठिकाने थे। सान्याल को MD ड्रग्स की तस्करी का रास्ता यहीं से मिला। इससे पहले वह कोकिन और चरस (Cocaine And Hashish) बेचता था।
जेल में रहते हुए शुरू की फैक्ट्री
इस फैक्ट्री (ATS and NCB Raid in Bhopal Factory) को आरोपी के द्वारा जेल में रहते ही शुरू कर दिया गया था। आरोपी सान्याल ने जेल में ही रहते हुए अपने गुर्गे और केस के तीसरे आरोपी हरीश आंजना उम्र 32 साल को प्रकाश के पाश पहुंचाया था।
हरीश आंजना और सान्याल दोनों ऑर्थर रोड जेल (Arthur Road Jail) में साथ रहे हैं। हरीश ने ही प्रकाशचंद्र क अमीर बनने का सपना दिखाकर ड्रग्स बनाने का काम शुरू किया था।
सान्याल के मैसेज मिलने पर उसे भोपाल के आउटर में फैक्ट्री की जमीन तलाशने की बात कही गई थी। प्रकाश ने बागरौदा में जयदीप सिंह की फैक्ट्री को किराए पर लिया था, जिसका अलॉटमेंट AK सिंह के नाम से लिया गया था। जिसे बाद में जयदीप ने खरीदा था।
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फर्नीचर बनाने के नाम पर बन रहा था ड्रग्स
आरोपी ने फैक्ट्री को फर्नीचर बनाने के नाम पर लिया था। ऐसा बताया कि इसमें लकड़ी पर होने वाले पॉलिश को भी बनाया जाएगा।
जब इसमें ड्रग्स (ATS and NCB Raid in Bhopal Factory) बनाने का काम शुरू किया गया, तो हरीश ही इस ड्रग्स को अलग-अलग तरीकों से मंदसौर फिर वहां के रास्ते ग्राहकों तक भेजा करता था।
इस काम के लिए हरीश को हर खेप से कमाई रकम का 10 प्रतिशत हिस्सा मिलता था। सान्याल जब जेल से रिह हुआ, तो इसके बाद प्रकाश के साथ ही वह फैक्ट्री चलाने लगा था। वह भोपाल के एक होटल में रहने लगा था।
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