MP Soybean Procurement: मध्यप्रदेश में गांधी जयंती पर ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा हुई। इसमें 2 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतों ने 6 हजार रुपए में सोयाबीन खरीदे जाने का प्रस्ताव पास किया। पंचायत सचिव को दिया गया प्रस्ताव जनपद से जिला पंचायत CEO के पास जाएगा। इसके बाद प्रशासन और फिर प्रदेश सरकार तक विचार के लिए प्रस्ताव जाएगा।
सोयाबीन को लेकर मध्यप्रदेश के किसान कर रहे मांग
मध्यप्रदेश के किसान लगातार सोयाबीन का समर्थन मूल्य 6 हजार रुपए प्रति क्विटंल करने की मांग कर रहे हैं। मध्यप्रदेश देश में सोयाबीन का सबसे बड़ा उत्पादक है। सोयाबीन की करीब 41.6 फीसदी पैदावार MP में होती है, लेकिन किसान लगातार ये बात कहते रहे हैं कि लागत के हिसाब से उनको दाम पर्याप्त नहीं मिलता। मोहन कैबिनेट ने सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4600 से बड़ाकर 4892 कर दिया और मोदी सरकार ने तत्काल इस पर मुहर लगा दी थी।
6000 पर अड़े किसान
मध्यप्रदेश के किसान अब भी सोयाबीन का मूल्य 6 हजार रुपए कराने पर अड़े हुए हैं। वे 1 अक्टूबर को चक्काजाम करने वाले थे, लेकिन अभी वो आंदोलन स्थगित कर दिया है। मध्यप्रदेश में अब 1 अक्टूबर को दोपहर 12 से 3 बजे तक 3 घंटे के लिए पूरे प्रदेश में नेशनल और स्टेट हाईवे सहित गांव को शहरों से जोड़ने वाली मुख्य सड़कों पर चक्काजाम करने की घोषणा की गई थी, जिसे फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
मालवा निमाड़ में भारी बारिश बनी वजह
मालवा निमाड़ क्षेत्र में हुई भारी बारिश ने फसलों को बर्बाद कर दिया है। ऐसे में किसान निराश है। चक्काजाम आंदोलन को स्थगित करने के पीछे सबसे बड़ी वजह यही है। निराश किसान चक्काजाम के दौरान बर्बाद फसल के कारण आक्रोश में कोई गलत कदम न उठा ले, इसलिए किसान संगठनों ने फिलहाल इसे स्थगित कर दिया है।
वहीं चक्काजाम सोयाबीन के रेट बढ़ाने की मांग को लेकर किया जाना था। ऐसे में इस आंदोलन में तात्कालिक समस्या बर्बाद हुई फसल को एकदम से छोड़ना ठीक नहीं था।
अब सांकेतिक नहीं दिनभर के लिए बंद करेंगे सड़क
बारिश के कारण बर्बाद हुई फसल को लेकर किसान संगठन अब आंदोलन की नई रणनीति बना रहे हैं। किसान नेता केदार सिरोही ने कहा कि सोयाबीन के रेट (MP Soybean Procurement) बढ़ाने का हमारा आंदोलन एक दो दिन का नहीं है। हम चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहे हैं। अभी मंडी में सोयाबीन आने में थोड़ा समय है। नई परिस्थितियों को देखते हुए फिलहाल आंदोलन स्थगित किया है। नई रणनीति बनाकर जल्द ही इसे मीडिया से साझा किया जाएगा। अब आंदोलन सांकेतिक नहीं बल्कि पूरे दिन के लिए चक्काजाम किया जाएगा।
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कांग्रेस नेता अरुण यादव ने दिया था सुझाव
किसानों को उसकी उपज के सही दाम मिले इसके लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर ग्रामीणों को एक मैसेज दिया था। उन्होंने कहा था कि 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी जी की जयंती पर होने जा रही प्रदेश की ग्राम सभाओं में यह प्रस्ताव पारित कराएं कि किसानों को उनका हक मिल सके। किसानों को सोयाबीन का मूल्य 6000 रूपये प्रति क्विंटल, धान का मूल्य 3100 रूपये प्रति क्विंटल एवं मक्का का मूल्य 2500 रूपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिए जाए।
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