Chhattisgarh TI Dismissed: छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में आदिवासी महिला से मारपीट के मामले में आईजी अमरेश मिश्रा ने निलंबित थाना प्रभारी (TI) राकेश चौबे को बर्खास्त कर दिया है।
चौबे ने एक गर्ल्स हॉस्टल में जबरन घुसकर महिला के साथ मारपीट की थी और उसे अपमानजनक बातें कही थीं, जिसमें उसने महिला पर आरोप लगाते हुए कहा था, “धंधा कर रहे हो, मुझे लड़कियां दिखाओ।” इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था, जिससे मामले ने और भी तूल पकड़ा। जिला कोर्ट ने भी इस मामले में टीआई को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई थी।
इसके अलावा, सितंबर महीने में 22 दिन पहले आरोपी ने पुलिस लाइन के कार्यालय में बैठकर डीएसपी और टीआई को गालियां दी थीं। जब ड्यूटी पर तैनात एक सिपाही (Chhattisgarh TI Dismissed) ने उसे रोकने की कोशिश की, तो चौबे उस पर भी भड़क गया और उसे नौकरी से निकलवाने की धमकी देने के साथ जान से मारने की भी धमकी दी। इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने टीआई के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
ये थी पहली घटना
आपको बता दें कि पहली घटना 24 मार्च 2023 की है, जब देवेंद्र नगर में एक महिला, जो मूलतः अंबिकापुर की रहने वाली थी इन्होंने किराए पर प्रॉपर्टी लेकर एक गर्ल्स हॉस्टल शुरू किया था। उसी दिन राकेश कुमार चौबे, जो उस समय पुलिस इंस्पेक्टर के पद पर थे, नशे की हालत में हॉस्टल में घुस गए।
रिसेप्शन पर बैठी आदिवासी महिला स्टाफ को चौबे ने बिना किसी वजह के मारना शुरू कर दिया और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा, “यहां धंधा कर रहे हो, मुझे लड़कियां दिखाओ।”
इसके बाद चौबे जबरन हॉस्टल के अंदर घुस गए और गाली-गलौज भी की। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया, जिसने चौबे के आचरण की कड़ी आलोचना को जन्म दिया। वीडियो के वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ा, और राकेश चौबे के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठने लगी।
ट्रैफिक मुख्यालय में टीआई थे राकेश चौबे
राकेश चौबे उस समय रायपुर के ट्रैफिक मुख्यालय में टीआई (ट्रैफिक इंस्पेक्टर) के पद पर तैनात थे। हॉस्टल में घुसकर उन्होंने अपनी वर्दी का रौब दिखाते हुए बदसलूकी की थी। इस पूरी घटना की तस्वीरें और वीडियो हॉस्टल में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए थे।
महिला ने चौबे पर यह आरोप भी लगाया कि उन्होंने उसे अन्य मामलों में फंसाने की धमकी दी थी। घटना के बाद यह मामला तेजी से तूल पकड़ने लगा, और महिला ने न्याय की मांग की। जनता और मीडिया के दबाव के बाद, राकेश चौबे को सस्पेंड कर दिया गया और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद चौबे को दोषी ठहराया और उन्हें सजा सुनाई गई थी।
ये है दूसरा मामला
आपको बता दें कि दूसरा मामला 6 सितंबर 2024 की रात का है, जो पुलिस लाइन में डीएसपी को गाली देने से जुड़ा है। एफआईआर के अनुसार, कांस्टेबल विजेंद्र दीप जो पुलिस लाइन के रिजर्व केंद्र में तैनात थे। इन्होंने ने बताया कि उस रात लगभग 8 बजे इंस्पेक्टर राकेश चौबे कार्यालय में पहुंचे। कुछ देर बैठने के बाद चौबे ने अचानक रिजर्व इंस्पेक्टर और पुलिस लाइन के डीएसपी को अश्लील गालियां देना शुरू कर दिया।
कांस्टेबल विजेंद्र ने उन्हें इस तरह की गाली-गलौज करने से रोका, लेकिन चौबे ने उसकी बात अनसुनी कर दी और उल्टा उसके साथ भी बदसलूकी करने लगे। इस घटना के बाद चौबे के आचरण पर गंभीर सवाल उठाए गए, और पुलिस विभाग ने इसे लेकर सख्त कदम उठाया। चौबे की अनुशासनहीनता और दुर्व्यवहार के चलते उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, जिसने मामले को और ज्यादा गंभीर बना दिया।
कांस्टेबल विजेंद्र दीप को दीं गालियां (Chhattisgarh TI Dismissed)
इस घटना के दौरान इंस्पेक्टर राकेश चौबे ने कांस्टेबल विजेंद्र दीप को धमकी देते हुए कहा कि वह उसकी नौकरी छीन लेगा और फिर उसे जान से मार देगा। विजेंद्र ने यह भी बताया कि चौबे ने उसे जातिसूचक गालियां दीं, जिससे स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई।
इस अपमानजनक व्यवहार और धमकियों के बाद, कांस्टेबल विजेंद्र काफी डरा हुआ महसूस कर रहा है और उसने अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर भी गहरी चिंता व्यक्त की है। घटना की गंभीरता को देखते हुए, कोतवाली पुलिस ने इंस्पेक्टर राकेश चौबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।