MP Atithi Shikshak Protest: मध्य प्रदेश का अतिथि एक बार फिर आंदोलन की राह पर है। 2 अक्टूबर को भोपाल में प्रदेशभर के अतिथि शिक्षक महाआंदोलन करेंगे। इस प्रदर्शन की जिम्मेदारी आजाद अतिथि शिक्षक संघ ने ली है।
अतिथि इस बार आर पार की लड़ाई के मूड में है। सोशल मीडिया पर अतिथि शिक्षकों से एकजुट होने की अपील की जा रही है। समन्वय समिति भी आंदोलन को अपना समर्थन दे चुकी है।
नियमितीकरण की मांग को लेकर गांधी जयंती पर भोपाल की सड़कों पर प्रदेशभर के अतिथि शिक्षक सत्याग्रह करेंगे। जिसे लेकर प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है।
21 दिन बाद दोबारा बड़े आंदोलन की तैयारी
महापंचायत में हुई घोषणाओं को पूरी कराने को लेकर अतिथि शिक्षकों ने भोपाल में 10 सितंबर को महाआंदोलन किया था। 21 दिन बाद अब दोबारा भोपाल में 2 अक्टूबर को बड़े आंदोलन की तैयारी शुरु हो चुकी है।
आंदोलन को लेकर अतिथि शिक्षकों के सभी सोशल मीडिया ग्रुप फुल एक्टिव हो गए हैं। जल्द ही इसे लेकर प्रेस कांफ्रेंस भी की जा सकती है।
संगठनों के लिए ये अस्तित्व की लड़ाई
10 सितंबर को अतिथि शिक्षकों को महाआंदोलन में आमंत्रित महापंचायत की घोषणाओं को लेकर किया गया था।
लेकिन जिस सहज तरीके से बिना महापंचायत की घोषणाओं पर बात किये हुए आंदोलन खत्म किया गया, इससे अतिथि से जुड़े संगठन ही गेस्ट टीचर्स के निशाने पर आ गए।
फिर आंदोलन की राह पर अतिथि: 2 अक्टूबर को भोपाल में फिर होगा महाआंदोलन, इस बार आर पार की लड़ाई, ये है प्लान!#अतिथि_शिक्षक #अतिथि_शिक्षक_आंदोलन #MPTeacher #Teacher #atithishikshak #MPatithishikshak #GuestTeacher #Bhopal @DrMohanYadav51 @udaypratapmp @NEYU4MP @MPYuvaShakti… pic.twitter.com/Zic0uLYkr6
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) September 27, 2024
वहीं तात्कालिक समस्याओं के निराकरण के लिए भी अब तक आदेश जारी नहीं हुए। ऐसे में संगठन के लिये ये अब अस्तित्व की लड़ाई बन गई है।
चार कारण जिससे जली दोबारा आंदोलन की चिंगारी
1. महापंचायत को भूल जाओ: महाआंदोलन के दिन अतिथियों के प्रतिनिधिमंडल से पहले ही दिन स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कह दिया था कि महापंचायत की घोषणाओं को भूल जाओ। ये बात अतिथियों को 10 सितंबर की रात तक लगी। तब तक अधिकांश अतिथि भोपाल से वापस लौट गए थे। अतिथियों का भविष्य महापंचायत की घोषणाओं से जुड़ा है, मंत्री जी की ये बात अतिथियों को नगवार गुजरी।
ये भी पढ़ें: डीपीआई पहुंचे अतिथि शिक्षक: मध्य प्रदेश में अब इन 3 हजार अतिथियों पर मंडराया नौकरी खो देने का खतरा, ये है वजह
2. संगठन के प्रति फूटा गुस्सा: महाआंदोलन के दूसरे दिन 11 सितंबर को अतिथि शिक्षक संगठन के पदाधिकारियों ने सरकार से तात्कालिक मांग पर बात कर आंदोलन खत्म कर दिया। जिसके बाद अतिथियों का गुस्सा अपने ही संगठन के पदाधिकारियों पर फूट पड़ा। जिन तात्कालिक मांगों को लेकर अतिथि संगठनों ने अपना आंदोलन वापस लिया था, उनके आदेश भी आज तक जारी नहीं हुए।
3. बयान जिसने आग में घी का काम किया: इस बीच विभागीय मंत्री राव उदयप्रताप सिंह ने मीडिया में एक बयान दे दिया कि अतिथि हैं तो क्या घर पर कब्जा कर लेंगे। उनके इस बयान ने अतिथि के आक्रोश को चरम सीमा पर पहुंचा दिया। हालांकि मंत्री ने बाद में इस पर खेद व्यक्त भी किया, लेकिन तब तक मंत्री जी का ये बयान आग में घी का काम कर चुका था।
4. शिवराज सिंह का आश्वासन: विभागीय मंत्री भले ही ये कह चुके थे कि महापंचायत की घोषणाओं को भूल जाओ और नये सिरे से बात करो, लेकिन महापंचायत में घोषणा करने वाले पूर्व सीएम और वर्तमान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अतिथियों को ये आश्वासन दे दिया कि वे अपनी घोषणाएं पूरी कराएंगे। जिससे अतिथियों को लगा कि अभी सबकुछ खत्म नहीं हुआ है।
इस बार ज्यादा दिन चल सकता है आंदोलन
महाआंदोलन में हुए घटनाक्रम के बाद अतिथि शिक्षक संगठन ने नई रणनीति बनाई है। 10 सितंबर को हुए आंदोलन में ऐसी कोई तैयारी नहीं थी कि ये कब तक चलेगा, लिहाजा अतिथि एक दिन की व्यवस्था से भोपाल आए और शाम होने तक वापस चले गए।
इस बार अतिथियों को पहले ही बताया जा रहा है कि मांग पूरी होने तक डटे रहना है, मतलब अतिथि शिक्षकों से 5 से 7 दिन तक की तैयारी से भोपाल आने का आह्वान किया जा रहा है।