MP News: हाईकोर्ट में ऑटो रिक्शा चालकों और स्कूल बसों द्वारा यातायात नियमों के उल्लंघन के खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गई हैं। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि ये वाहन सड़कों पर धमाचौकड़ी मचा रहे हैं, जिससे छात्रों और आम नागरिकों की जान खतरे में है। इस पर हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने सरकार को ताजा स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। यह आदेश हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा तथा जस्टिस विनय सराफ की डबल बेंच ने सुनाया है।
स्कूली छात्रों को जान का खतरा
सतना निवासी अधिवक्ता सतीश वर्मा और नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने इस संबंध में याचिकाएं दायर की है। जिसमें ऑटो के संचालन को लेकर चिंता व्यक्त की गई है। याचिका में कहा गया है कि ऑटो चालक यातायात नियमों का पालन नहीं करते हैं और सड़कों पर धमाचौकड़ी मचाते हैं। शहर की सड़कों पर बेखौफ होकर चलने वाले ऑटो लोगों की जान के लिए खतरा बन गए हैं। ये ऑटो न केवल शहर की यातायात व्यवस्था को खराब कर रहे हैं, बल्कि सवारियों को भी खतरे में डाल रहे हैं। ऑटो चालक बीच सड़क में वाहन रोककर सवारी बैठाते हैं, जिससे हमेशा जान का खतरा बना रहता है। इस मुद्दे पर कई बार सवाल उठे, लेकिन जिला प्रशासन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा पाया है।
सरकार को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का दिया आदेश
स्कूल बस और ऑटो चालक नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, जिससे बच्चों की सुरक्षा खतरे में है। ये वाहन अनाधिकृत कंपनी के गैस किट लगाते हैं, फस्टेड बॉक्स नहीं होता है, और निर्धारित क्षमता से अधिक छात्रों को बैठाया जाता है। इससे बड़े हादसे होने का खतरा बना रहता है। मध्य प्रदेश में 10 साल पुराने डीजल ऑटो-रिक्शा को अब परमिट नहीं मिलेगा। इन्हें सीएनजी में बदला जाएगा। जबलपुर में अवैध ऑटो रिक्शा पर कार्रवाई होगी। अगली सुनवाई में सरकार को कार्य योजना प्रस्तुत करनी होगी। हाईकोर्ट ने कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है।
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