Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में उत्तरपुस्तिकाओं की जांच के दौरान 10वीं और 12वीं के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है। कक्षा 10 और 12 में लगभग 6 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी। अब पुनर्मूल्यांकन के परिणामों ने कई सवाल उठाए हैं। इस संदर्भ में 100 से ज्यादा शिक्षकों को ब्लैक लिस्ट किया गया है, और उनकी वेतनवृद्धि रोकने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।
57 शिक्षकों को किया जाएगा ब्लैक लिस्ट
माध्यमिक शिक्षा मंडल (Chhattisgarh News) के सचिव पुष्पा साहू ने जानकारी दी है कि 57 शिक्षकों को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा और उनकी वेतन वृद्धि रोकी जाएगी। 20 से 40 अंक बढ़ने पर 48 व्याख्याताओं को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। 41 से 49 अंक बढ़ने पर 6 व्याख्याताओं को पांच साल के लिए ब्लैक लिस्ट किया जाएगा, साथ ही उनकी वेतन वृद्धि भी रोकी जाएगी।
यदि किसी व्याख्याताओं के अंक 50 या उससे अधिक बढ़ते हैं, तो उन्हें भी पांच साल के लिए ब्लैक लिस्ट करने और एक वेतनवृद्धि रोकने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि अंक बढ़ोतरी के अनुसार कार्रवाई करने के लिए नियम बनाए गए हैं और इसी नियम के तहत संबंधित पत्र भेजा गया है।
उत्तरपुस्तिका जांचकर्ताओं की गंभीर लापरवाही
बारहवीं बोर्ड परीक्षा में उत्तरपुस्तिका जांचकर्ताओं की गंभीर लापरवाही सामने आई है। पैसे कमाने की होड़ में जांचकर्ताओं ने विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ किया है, पुनर्मूल्यांकन में 10 से 50 अंक तक की बढ़ोतरी हुई है। इस पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या बोर्ड ने उत्तरपुस्तिकाओं की जांच व्याख्याताओं से कराई थी या चपरासी से।
वेतनवृद्धि रोकने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया
माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव पुष्पा साहू ने बताया कि 68 शिक्षकों को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा और उनकी वेतन वृद्धि रोकी जाएगी। 20 से 40 अंक बढ़ने पर 61 व्याख्याताओं को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा, और उनकी वेतन वृद्धि भी रोकी जाएगी। 41 से 49 अंक बढ़ने पर 3 व्याख्याताओं को पांच साल के लिए ब्लैक लिस्ट करने और उनकी वेतन वृद्धि रोकने की कार्रवाई की जाएगी। अगर अंक 50 या उससे अधिक बढ़ते हैं, तो उनके लिए भी पांच साल के लिए ब्लैक लिस्ट और एक वेतनवृद्धि रोकने का प्रस्ताव भेजा गया है।
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