राष्ट्रपति से मिले नक्सल पीड़ित: President के सामने नक्सलियों से मिले जख्मों को किया बयां, कहा- डर में जीने को मजबूर
प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति को बताया कि पिछले चार दशकों से बस्तरवासी माओवादी आतंक का सामना कर रहे हैं। माओवादी हमलों में हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
Chhattisgarh News: राष्ट्रपति भवन में आज बस्तर के नक्सल पीड़ितों के लिए एक उम्मीद भरा दिन था। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र से आए 70 लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल के तहत, अपनी परेशानियों के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिला। उनके चेहरे पर वर्षों की कठिनाइयों का असर था, लेकिन उनकी आंखों में उम्मीद की एक चमक भी दिखाई दे रही थी।
माओवादी हमलों ने जीवन को तबाह किया: नक्सल पीड़ित
मुलाकात का उद्देश्य स्पष्ट था—नक्सली हिंसा से प्रभावित लोगों की समस्याओं को राष्ट्रपति के समक्ष रखना और बस्तर को माओवाद के आतंक से मुक्त कराने की अपील करना। इस दौरान पीड़ितों ने बताया कि कैसे माओवादी हमलों ने उनके जीवन को तबाह किया है।
प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति को बताया कि पिछले चार दशकों से बस्तरवासी माओवादी आतंक का सामना कर रहे हैं। माओवादी हमलों में हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, और सैकड़ों लोग अपंग हो चुके हैं। बारूदी सुरंगों और बम विस्फोटों ने उनके जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे न केवल शारीरिक नुकसान हुआ है, बल्कि मानसिक रूप से भी वे टूट चुके हैं।
बस्तर के लोग अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे
उन्होंने बताया (Chhattisgarh News) कि माओवादियों ने उनके घर, ज़मीन और संस्कृति को बर्बाद कर दिया है। पिछले ढाई दशकों में बस्तर में 8,000 से अधिक लोग माओवादी हिंसा के शिकार हो चुके हैं। आज भी कई लोग नक्सलियों के डर में जीने को मजबूर हैं। जबकि देश के अन्य हिस्सों में लोग स्वतंत्रता का आनंद ले रहे हैं, बस्तर के लोग अपनी ज़मीन और अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व की सराहना की
प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति के समक्ष अपनी बातें रखते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की संवेदनशील पहल और नेतृत्व के कारण बस्तर में शांति और विकास के कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में नक्सल उन्मूलन के लिए प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं, साथ ही लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। उनके द्वारा शुरू की गई योजनाओं ने बस्तरवासियों में एक नई आशा जगा दी है।
पत्रकारिता में खुद को गढ़ने के लिए छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर से निकला हूं। सक्रिय पत्रकारिता के सफर की शुरुआत 2020 से की। बंसल न्यूज डिजिटल से जुड़ने से पहले राज एक्सप्रेस और स्वराज एक्सप्रेस में काम कर चुका हूं। राजनीति और पर्यावरण से संबंधित खबरों में खास रुचि है। लगातार कुछ नया सीखने और करने का प्रयास करता हूं।