CG 2 Tehsildar Suspend: छत्तीसगढ़ बिलासपुर में सरकारी जमीन कॉलोनाइजर्स को देने के मामले का खुलासा हुआ है। इस मामले की जांच में सीधे तौर पर दो तहसीलदार के नाम सामने आए हैं।
जांच में पता चला है कि इन राजस्व अफसरों (CG 2 Tehsildar Suspend) ने प्राइवेट कॉलोनी के रास्ते के लिए सरकारी जमीन ही दे डाली। इस मामले में कलेक्टर ने दोनों तहसीलदार को निलंबित करने की अनुशंसा संभागायुक्त को भेजी है।
सरकार को पहुंचाया करोड़ों का नुकसान
बिलासपुर कलेक्टर को शिकायत की गई थी कि तत्कालीन नायब तहसीलदार (CG 2 Tehsildar Suspend) शेष नारायण जायसवाल के द्वारा गायत्री कंस्ट्रक्शन व अतिरिक्त तहसीलदार शशिभूषण सोनी के द्वारा श्रीराम सरिता बिल्डर्स एंड कॉलोनाइजर्स को सरकारी जमीन दे दी थी। कॉलोनाइजर्स को इन अफसरों ने कॉलोनी में जाने का रास्ता सरकारी जमीन से नियम विरुद्ध दे दिया था। इससे सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया गया।
कलेक्टर को मिली थी शिकायत
कलेक्टर से इस मामले की शिकायत की गई। इस शिकायत को 4 मार्च को टीएल में शामिल किया गया। शिकायत के बाद जांच की गई। इसमें एसडीएम (CG 2 Tehsildar Suspend) ने जांच रिपोर्ट तैयार की। जिसका परीक्षण भू-अभिलेख प्रभारी अधिकारी ने किया। इसमें खुलासा हुआ कि तत्कालीन नायब तहसीलदार जायसवाल ने गायत्री कंस्ट्रक्शन को सरकारी जमीन में से 160 फीट लंबा और 32 फीट चौड़ा रास्ता दिया, यानी कि 5120 वर्गफीट सरकारी जमीन आम रास्ते के लिए दे दी।
इसके लिए बकायदा एनओसी (CG 2 Tehsildar Suspend) भी दी है। इधर तत्कालीन अतिरिक्त तहसीलदार शशिभूषण सोनी के द्वारा श्रीराम सरिता बिल्डर्स एंड कॉलोनाइजर आशीष गुप्ता के सरकंडा के बहतराई स्थित अपनी जमीन के केस में अलग से आदेश जारी नहीं किया और आदेश जारी करने से मना कर दिया। इसी के साथ ही केस को खारिज कर दिया। इससे कॉलोनाइजर्स को उसकी जमीन तक पहुंचने के लिए सरकारी जमीन से जाने के लिए 40 फीट चौड़ा रास्ता मिल गया। इसी तरह राज कंस्ट्रक्शन को 30 फीट चौड़ी सरकारी जमीन दे दी।
कलेक्टर को नहीं दी गई रिपोर्ट
इस मामले में सबसे बड़ी गलती राजस्व अफसरों (CG 2 Tehsildar Suspend) ने यह की है कि उन्होंने इस पूरे मामले को लेकर रिपोर्ट तैयार करना थी। इसके बाद उस रिपोर्ट की जांच के लिए कमेटी बनाकर प्रतिवेदन कलेक्टर को देना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। यह रिपोर्ट उस अवस्था में तैयार कर कलेक्टर को भेजी जाती है, तब जब कोई सरकारी जमीन पर अतिक्रमण और कब्जा करता है।
नियम में रास्ता देना का कोई प्रावधान नहीं
इस मामले की जब जांच की गई तो सामने आया कि छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 131 के तहत खेतीहर (CG 2 Tehsildar Suspend) को अपने खेतों पर या ग्राम की बंजर भूमि या चारागाह पर मार्गाधिकार रहता है। जबकि किसी प्राइवेट कॉलोनी को रास्ता देने का प्रावधान ही इस नियम में नहीं है।
निलंबन के लिए की अनुशंसा
कलेक्टर के द्वारा जो पत्र संभागायुक्त (CG 2 Tehsildar Suspend) को लिखा गया है, उसमें दोनों तहसीलदारों पर कार्रवाई कर निलंबन की अनुशंसा की है। पद का दुरुपयोग कर सरकारी जमीन आवंटन को लेकर यह मामला है। कलेक्टर की अनुशंसा पर दोनों तहसीलदार जल्द ही सस्पेंड हो सकते हैं। बता दें कि हाल ही में प्रदेश में एक तहसीलदार को मंत्री पर आरोप लगाने पर सस्पेंड कर दिया गया है।
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तहसीलदारों के खिलाफ हेराफेरी की कई शिकायतें
छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों की बात करें तो सबसे ज्यारा शिकायतें राजस्व (CG 2 Tehsildar Suspend) विभाग की ही सामने आती है। इसमें कई शिकायतें ऐसी भी सामने आई है, जिसमें तहसीलदारों ने जमीन के बंटान, आवंटन, नामांतरण के दौरान हेराफेरी की कोशिश की है, या फिर दबंगों को अवैध रूप से कब्जा करने में मदद की है। इस तरह के कई मामलों में अभी जांच चल रही है।
जनदर्शन में राजस्व की शिकायतें ज्यादा
सीएम हाउस में हर गुरुवार को जनदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। जहां प्रदेशभर से अलग-अलग शिकायतों को लेकर लोग पहुंचते हैं। वहीं इस बार गुरुवार को जब सीएम ने जनदर्शन में जनता से संवाद किया। उनसे एक-एक कर मिले। इस दौरान सबसे ज्यादा तहसीलों (CG 2 Tehsildar Suspend) की शिकायतें मिली। इन शिकायतों में जमीन वाले मामलों की शिकायतें ज्यादा थीं।
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