MP First Centre of Competency: इंदौर के सरकारी अस्पतालों में लगातार सुधार का दौर जारी है। इसी कड़ी में इंदौर शहर के एमवाय अस्पताल में मध्य प्रदेश का पहला “सेंटर ऑफ कंपिटेंसी इन सिकलसेल” स्थापित करने की योजना पर तेजी से काम चल रहा है।
इस सेंटर में सिकलसेल के आधुनिक इलाज की सुविधा मिलेगी। आपको बता दें कि सेंटर ऑफ कंपिटेंसी का अर्थ किसी एक विषय चुनकर उसपर काम करना होता है।
मंगलवार को ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग में इस सेंटर के निर्माण को लेकर WHO के राष्ट्रीय अधिकारी पब्लिक हेल्थ डॉ. प्रदीश सीबी ने हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। उन्होंने ब्लड बैंक, बोनमेरो ट्रांसप्लांट यूनिट, थेलेसिमिया डे केयर सेंटर और अन्य सुविधाओं का गहन अध्ययन किया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ये सुविधाएं अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरी उतर पाती है या नहीं। आपको बता दें कि इस सेंटर की स्थापना को लेकर सकारात्मक संकेत मिले हैं, जिससे उम्मीद है कि जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी।
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आदिवासी क्षेत्रों के मरीजों को मिलेगा आधुनिक इलाज
यह सेंटर शुरू होने के बाद इंदौर के साथ-साथ अन्य जिलों और विशेष रूप से आदिवासी बहुल क्षेत्रों जैसे आलीराजपुर और झाबुआ के मरीजों को अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी। सिकलसेल एनीमिया जैसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए यह केंद्र महत्वपूर्ण होगा। एमवाय हॉस्पिटल के डायरेक्टर ने बताया कि सेंटर जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है।
मॉलिक्यूलर लैब के लिए भी मिली सहमति (MP First Centre of Competency)
एमवायएच में फिलहाल 1400 से अधिक सिकलसेल एनीमिया के मरीज रजिस्टर्ड हैं। जिन्हें उपचार की सुविधा मिल रही है। इसके अलावा, मॉलिक्यूलर लैब के सेटअप के लिए 2 करोड़ रुपये की सैद्धांतिक सहमति भी मिल चुकी है। इस लैब में रेडियोलॉजी, प्रसूति, शिशु रोग और मेडिसिन विभागों के साथ समन्वय कर आधुनिक जांच की जा सकेगी।
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