Private School CBSE New Guidelines: जबलपुर के कलेक्टर दीपक सक्सेना ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है, जिसमें जिले के सभी प्राइवेट CBSE स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के लिए शैक्षणिक सत्र 2025-26 से केवल एनसीईआरटी (NCERT) की किताबें अनिवार्य रूप से लागू की जाएंगी। यह कदम केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के नए दिशा-निर्देशों के तहत उठाया गया है, जिसका उद्देश्य है कि प्रत्येक कक्षा और स्कूल में पढ़ाई की एकरूपता सुनिश्चित की जा सके और छात्रों को निजी प्रकाशकों की किताबों पर निर्भर नहीं रहना पड़े। इस आदेश से एक ओर जहां अभिभावकों पर आर्थिक बोझ कम होगा, वहीं छात्रों को किताबों के अतिरिक्त बोझ से भी राहत मिलेगी।
प्राइवेट स्कूलों की नहीं चलेगी मनमर्जी
सेंट्रल बोर्ड सेकेंडरी एजुकेशन ने 12 अगस्त को एक सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कुलर में यह स्पष्ट है कि अब CBSE से मान्यता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक स्कूलों में केवल NCERT की किताबों से ही पढ़ाई होगी। प्राइवेट स्कूल अपनी मनमर्जी से किताबें नहीं पाएंगे।
कक्षा 1 से 8वीं तक के लिए सख्त आदेश
CBSE के सेक्रेटरी ने पत्र में लिखा गया है कि “कक्षा 1 से 8वीं तक के लिए भी स्कूलों को सख्त सलाह दी गई है, कि स्कूलों में केवल NCERT की किताबों से ही पढ़ाई करवाएं।” हालांकि, कक्षा 1 से 8वीं तक के पाठ्यक्रम में इसे अनिवार्य रूप से घोषित नहीं किया गया है। वहीं पत्र में इस बात का उल्लेख है, कि बच्चों को पढ़ाई जाने वाली कोई भी सामग्री किसी जाति धर्म की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाएगी।
9वीं से 12वीं तक के लिए नए नियम
आपको बता दें कि कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं के लिए CBSE ने केवल NCERT की बुक कोर्स में शामिल करना अनिवार्य कर दिया है। अब इन क्लासों में कोई भी निजी प्रकाशक की किताबों से पढ़ाई नहीं होगी। यदि NCERT की किताबें उपलब्ध नहीं हैं, तो उसे वेबसाइट से डाउनलोड करने का ऑप्शन भी दिया गया है। इसे आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है।
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प्राइवेट स्कूल वाले होंगे जिम्मेदार
आपको बता दें कि यदि इन बुक्स के अलावा यदि कोई और दूसरी किताबों से स्कूलों में पढ़ाई करवाई जा रही है, तो स्कूल को अपनी वेबसाइट पर एक रिटन डिक्लेरेशन डालना होगा, कि पुस्तक में यदि कुछ भी आपत्तिजनक हुआ तो इसकी पूरी जिम्मेदारी स्कूल के मैनेजर और स्कूल के प्रिंसिपल की होगी।
आदेश का पालन न करने पर होगी कार्रवाई
जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने CBSE द्वारा जारी दिशा-निर्देशों और नियमों के आधार पर एक आदेश जारी किया है, जिसका उद्देश्य अभिभावकों पर आर्थिक बोझ को कम करना और सभी छात्रों को समान शैक्षिक सामग्री उपलब्ध कराना है। कलेक्टर कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि इस आदेश का पालन न करने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें मान्यता निरस्त करने और कानूनी कदम उठाने जैसी सजा शामिल हो सकती है।
अभिभावकों के चेहरे पर खुशी
आपको बता दें कि कलेक्टर का यह आदेश अभिभावकों के लिए राहत की खबर लेकर आया है क्योंकि निजी स्कूल अक्सर ऐसी किताबें पाठ्यक्रम में शामिल करते थे जिनकी सामग्री पर सवाल उठते थे और जिनकी कीमतें भी ज्यादा होती थीं। इसके कारण छात्रों को गुणवत्ता वाली शिक्षा नहीं मिल पाती थी और अभिभावकों को इन महंगी किताबों के लिए अधिक पैसा खर्च करना पड़ता था।
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