MP High Court News: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने शिवपुरी की जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दीपाली शर्मा को चेतावनी दी है। उन्होंने आरोपी के खिलाफ गलत धाराओं के तहत आरोप तय किए थे।
प्रशिक्षण अकादमी भेजने के निर्देश
जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस देवनारायण मिश्रा की खंडपीठ ने कहा कि इस कृत्य के लिए दीपाली शर्मा को प्रशिक्षण अकादमी भेजा जाए, ताकि वे इस तरह के अत्याचार अधिनियम वाले मामलों से निपटने के गुर सीख सकें।
ADJ ने माना चूक हुई
जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दुष्कर्म के आरोपी बॉबी खंगार पर एससीएसटी एक्ट भी लगा दिया था जबकि वह भी उसी जाति का है जिस जाति की पीड़िता है। हाईकोर्ट ने इस बात पर हैरानी जाहिर की कि संबंधित जज ने पूरी ट्रायल दुष्कर्म की धाराओं के साथ और एससीएसटी की धाराएं भी चलाईं और बाद में बॉबी को इस धारा से बरी कर दिया। पूर्व में हाईकोर्ट ने संबंधित जज से स्पष्टीकरण मांगा था। रजिस्ट्रार जनरल को भेजे अपने स्पष्टीकरण में जज दीपाली शर्मा ने माना कि गलत धारा लगाने में उनसे चूक हुई है।
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एक आरोपी की सजा माफ
बॉबी और एक अन्य आरोपी जानी बाबू को नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई थी। दोनों की ओर से हाईकोर्ट में अपील की गई। आरोपियों की ओर से अधिवक्ता रत्नभारत तिवारी ने बताया कि जानी बाबू दोनों को साथ लेकर गया था, इससे ज्यादा उसका कोई अपराध नहीं है। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने जानी बाबू की बाकी सजा माफ करते हुए उसे जमानत पर रिहा कर दिया।
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