RGPV FD Scam: आरजीपीवी के एफडी घोटाले में फरार चल रहे पूर्व रजिस्ट्रार राकेश कुमार राजपूत ने विशेष न्यायाधीश के समक्ष आत्मसमर्पण किया और जमानत मांगी, लेकिन विशेष लोक अभियोजक पीएन सिंह राजपूत ने इसका विरोध किया। इसके बाद, विशेष न्यायाधीश राम प्रसाद मिश्र ने उन्हें 10 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने भी उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी और उन्हें दो सप्ताह के भीतर न्यायालय में पेश होने का निर्देश दिया था।
क्या है पूरा मामला
आरजीपीवी के कुल सचिव द्वारा 19.48 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया था। इस मामले में प्रोफेसर आरएस राजपूत, तत्कालीन कुल सचिव, वित्त नियंत्रक ऋषिकेश वर्मा, अवकाश पर रहे कुलपति प्रोफेसर सुनील कुमार, मयंक कुमार और सोहागपुर के दलित संघ सहित अन्य लोग शामिल हैं। उन पर विश्वविद्यालय की राशि को आपराधिक साजिश से निजी खातों में स्थानांतरित करने और लेखा शाखा के रिकॉर्ड को कूटरचित तरीके से तैयार करने का आरोप लगाया गया है। मामले में सभी आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए। अब पूर्व रजिस्ट्रार ने न्यायालय के सामने सरेंडर कर जमानत की मांग की है।
भोपाल के गांधीनगर थाने में दर्ज है मामला
मामले के लिए जांच समिति द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के आधार पर, थाना गांधीनगर में एक मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आरके राजपूत और अन्य ने साजिश रचकर विश्वविद्यालय के फंड को अपने निजी खातों में ट्रांसफर किया और फर्जी दस्तावेज तैयार किए। आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। आरके राजपूत और अन्य आरोपी फरार हो गए थे, और पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए उनकी संपत्ति कुर्क करने और लुकआउट नोटिस जारी करने की कार्रवाई की थी, लेकिन वे अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ पाए हैं।