Moryai Chhat 2024 Date: अंग्रेजी केलेंडर के अनुसार सितंबर का महीना चल रहा है। हिन्दू पंचांग (Hindu Panchang) की बात करें तो इस समय भाद्रपद जारी है। हिन्दू धर्म में भाद्रपद को बेहद खास माना जाता है।
इस महीने सबसे ज्यादा व्रत त्योहार आते हैं। 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024) के बाद 8 सितंबर को ऋषि पंचमी होती है। इसके बाद आएगी मोरयाई छठ।
पर क्या आपको पता है मोरयाई छठ पर क्या होता (Moryai Chhat Par kya karte hain) है। यदि नहीं तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि मोरयाई छठ कब (When is Moryai Chhat ) आएगा। इस दिन क्या किया जाता है।
मोरयाई छठ पर क्या होता है
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार मोरयाई छठ पर शादी की मोर का विसर्जन किया जाता है। शादी के बाद जब पहली बार मोरयाई छठ आती है तभी इसका विसर्जन कर दिया जाता है। मान लीजिए परिवार में किसी की शादी जुलाई में हुई है तो वह अभी सितंबर में मोर सिरा देते हैं।
शादी की मोर क्या होती है
आपको बता दें हिन्दू धर्म में परंपरा के अनुसार वर वधु को सात फेरों के समय कुछ खास चीजें पहनाई जाती हैं। जिनमें गले की माला हाथों में कंकन आदि शामिल होते हैं। इन्हीं में से एक है माथे की मोर। जी हां वर वधु को विवाह में फेरों के समय पहनाई जाती है। ये सभी चीजें शादी के बाद पहली बार जब मोरयाई छठ आती है। तब किसी सरोवर, नदी या तालाब में इसका विसर्जन किया जाता है।
मोरयाई छठ पर मोर विसर्जन कैसे करते हैं
विवाह को लेकर वैसे तो सभी की अपनी परंपरा होती है। पर बुंदेलखंड में मोर सिराने के लिए या विसर्जन के लिए घरों पर मेहर बनाए जाते हैं। फिर इसे पूजा के बाद मोर के साथ विसर्जित कर दिया जाता है।
क्या होते हैं मेहर
थोड़ा रबीले यानी मोटे आटे में गुड़ मिलाकर उसके छोटे-छोटे गोले बनाए जाते हैं। फिर उसे घर पर पूजन करके बहते पानी या किसी तालाब में मोर के साथ विसर्जित कर दिया जाता है।
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