Chhattisgarh News: बस्तर के चार पत्रकारों को गांजा तस्करी केस में फर्जी तरीके से फंसाए जाने के बाद 20 दिनों के बाद जमानत मिल गई है। आन्ध्र प्रदेश के राजमेन्द्री जिला अदालत ने 2 सितंबर 2024 को सुनवाई के बाद बप्पी राय, निशु त्रिवेदी, धर्मेंद और मनीष को 20,000 रुपए के निजी मुचलके और दो स्थानीय जमानतदारों के साथ रिहाई का आदेश दिया है। यह आदेश चारों पत्रकारों के लिए बड़ी राहत है, जिन्हें गलत तरीके से इस मामले में फंसाया गया था।
अदालत ने कुछ शर्तों के साथ दी जमानत
बस्तर के पत्रकारों में खुशी की लहर है क्योंकि राजमेन्द्री के जिला अदालत ने चारों पत्रकारों को जमानत दे दी है। अदालत ने कुछ शर्तों के तहत यह जमानत दी है, जिसमें चारों पत्रकारों को हर मंगलवार को चिंतूर पुलिस स्टेशन में उपस्थित होने और जांच में सहयोग करने के लिए कहा गया है।
मामले (Chhattisgarh News) में जांच और चार्जशीट दाखिल होने तक सहयोग करने के लिए भी कहा गया है। यह शर्तें चारों पत्रकारों के लिए जमानत की महत्वपूर्ण शर्तें हैं।
अवैध रेत परिवहन की रिपोर्टिंग करने गए थे चार पत्रकार
चार पत्रकारों की गिरफ्तारी का मामला तब सुर्खियों में आया जब वे कोंटा में अवैध रेत परिवहन की गतिविधियों पर रिपोर्टिंग करने गए थे। जहां कोंटा थाना प्रभारी से कहासुनी के बाद, चारों पत्रकारों को कोंटा से लगे आन्ध्र प्रदेश के चट्टी में गांजा तस्करी करने के फर्जी आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। यह मामला फर्जी गिरफ्तारी की एक बड़ी मिसाल है, जिसमें पत्रकारों को गलत तरीके से फंसाया गया है।
कोंटा थाना प्रभारी अजय सोनकर पर ये आरोप
कोंटा थाना प्रभारी अजय सोनकर पर आरोप है कि उन्होंने रेत माफिया के साथ मिलकर चार पत्रकारों के वाहन में गांजा रखवाया और फिर चिंतूर पुलिस को इसकी सूचना दी। इस सूचना के आधार पर चिंतूर पुलिस ने जांच के दौरान गांजा जब्त कर चारों पत्रकारों को गिरफ्तार कर लिया।
स्थानीय पत्रकारों ने इस पूरी साजिश की जांच की मांग की, जिसके बाद सुकमा एसपी ने जांच टीम बनाई और दोषी पाए जाने पर कोंटा थाना प्रभारी को निलंबित किया।