Atithi Shikshak Bharti Mamla: प्रदेश में लंबे समय से नियमितीकरण (regularization of atithi shikshak) की मांग कर रहे अतिथि शिक्षक एक बार फिर से आंदोलन कर रहे हैं। बता दें कि एक साल पहले यानि की 3 सितंबर 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में अतिथि शिक्षक पंचायत में अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण की घोषणा की थी।
अब वादा पूरा नहीं होते दिखने पर सोमवार को नाराज अतिथि शिक्षक राजधानी में रैलियां निकाल रहे हैं। वहीं, 5 सितंबर को भोपाल में करीब 70 हजार अतिथि शिक्षक तिरंगा यात्रा भी निकालेंगे।
वादा पूरा नहीं होने पर आज अतिथि शिक्षक मप्र में अर्थी रैलियां निकाल रहे हैं।
दिग्विजय सिंह ने ढूंढा CM मोहन यादव का पत्र
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से सीएम डॉ. मोहन यादव को पुराना खत याद दिलाया. उन्होंने सीएम मोहन यादव द्वारा लिखा गया साल 2018 के एक पत्र को x पर शेयर किया और अतिथि शिक्षकों को नियमित करने की मांग उठाई.
दिग्विजय सिंह ने कहा, “पूर्व में मुख्यमंत्री खुद जिस मांग को उठा रहे थे आज उसे पूरा करने के लिए वह खुद सक्षम हैं.”
क्या लिखा था मोहन यादव ने पत्र में
वर्तमान मुख्यमंत्री एवं तत्कालीन विधायक डॉ. मोहन यादव ने 15 मार्च, 2018 को शिवराज सिंह को पत्र लिखकर कहा था कि प्रदेश में कार्यरत अतिथि शिक्षक पूर्ण निष्ठा से अध्यापन एवं अन्य अनुशांगिक कार्य कर रहे हैं।
इनकी लम्बी सेवा अवधि को देखते हुए इन्हें संविदा शिक्षक बनाये जाने की कार्यवाही अत्यंत अपेक्षित है। पत्र के साथ तत्संबंधी ज्ञापन प्रेषित करके अतिथि शिक्षकों के हितों को दृष्टिगत रखते हुये इनकी मांगो के निराकरण हेतु यथा आवश्यक निर्देश प्रसारित करने का अनुरोध किया था।
एक साल पहले शिवराज ने क्या की थी घोषणा
3 सितंबर 2023 को भोपाल के शिक्षकों की भर्ती में अतिथि शिक्षकों के लिए सिर्फ 25 प्रतिशत का आरक्षण था। इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर रहे हैं। क्योंकि, जो पढ़ा रहे हैं जो अनुभवी हैं वर्षों का व्यवहारिक ज्ञान जिन्हें है, वो बेहतर ढंग से बच्चों को पढ़ा सकेंगे। ये व्यवस्था अगली भर्ती जैसे ही होती है इसे हम तत्काल लागू करने का काम करेंगे। अतिथि शिक्षकों को उच्च शिक्षा विभाग के अनुसार प्रतिवर्ष 4 और अधिकतम 20 अंक बोनस के रूप में दिए जाएंगे, ताकि अधिकतम उनका चयन हो सके।
आप पढ़ाने का काम कर रहे हैं लेकिन, मान और सम्मान के साथ पढ़ाएं। एक मैं ये भी तय कर दूंगा कि जैसे नियमित पढ़ाने वालों को वेतन मिलता है। अब चूंकि निश्चित तारीख पर सबको मानदेय मिल जाए। गुरुजी की तरह एक योजना बनाऊंगा, जिसमें पात्रता परीक्षा लेकर हम अतिथि शिक्षकों को नियमित करने की दिशा में आगे बढ़ सकें। जब गुरुजी के लिए किया है आरटीई के अंतर्गत डीएड, बीएड वाली बाध्यताएं हम रिलेक्स नहीं कर सकते लेकिन उसको छोड़कर मेरी इच्छा है कि तुम सब नियमित हो जाओ और बच्चों को पढ़ाओ।
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