Shivaji Statue Collapse News: महाराष्ट्र के कोल्हापुर में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के मामले में बड़ी कार्रवाई सामने आई है। आपको बता दें कि सिंधुदुर्ग पुलिस ने स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट और ठेकेदार चेतन पाटिल को गिरफ्तार कर लिया है।
चेतन को आज सिंधुदुर्ग लाया जाएगा। चेतन पाटिल को गुरुवार रात कोल्हापुर में उसके रिश्तेदार के घर से गिरफ्तार किया गया है। पाटिल को मालवन पुलिस के साथ ज्वॉइंट ऑपरेशन के तहत गिरफ्तार किया गया। इसके बाद कोल्हापुर पुलिस ने आरोपी को मालवन पुलिस को सौंप दिया है।
चेतन ने पहले दावा किया था कि वह प्रोजेक्ट के स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट नहीं थे। इसके साथ ही महाराष्ट्र कला निदेशालय के डायरेक्टर ने कहा कि हमने सिर्फ 6 फीट की मूर्ती के लिए परमिशन दी थी नौसेना ने बिना बताए इसकी ऊंचाई 35 फीट कर दी।
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) August 30, 2024
पीएम मोदी ने मांगी माफी
महाराष्ट्र के पालघर में 76 हजार करोड़ की लागत वाली वधावन बंदरगाह परियोजना के शिलान्यास कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज मैं अपने भगवान छत्रपति शिवाजी महाराज से सिर झुकाकर माफी मांगता हूं। हमारे संस्कार अलग हैं, हम वो लोग नहीं हैं जो भारत माता के महान सपूत, इस धरती के सपूत वीर सावरकर को गाली देते रहें और उनका अपमान करते रहें। वे माफी मांगने के लिए तैयार नहीं हैं, वे अदालतों में जाकर लड़ने के लिए तैयार हैं।
कला निदेशालय के डायरेक्टर ने दी जानकारी
महाराष्ट्र कला निदेशालय के डायरेक्टर का कहना है कि उन्होंने केवल 6 फीट की मूर्ति लगाने की परमिशन दी थी। इसके लिए मूर्तिकार ने मिट्टी का मॉडल हमें दिखाया था। मंजूरी मिलने के बाद नौसेना ने निदेशालय को यह नहीं बताया कि मूर्ति 35 फीट ऊंची होगी। न ही यह बताया गया कि इसमें स्टील की प्लेटों का इस्तेमाल किया जाएगा। स्टेट PWD ने नौसेना को 2.44 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए थे।
नौसेना ने मूर्तिकार और सलाहकार नियुक्त किए और डिजाइन फाइनल होने के बाद इसे निदेशालय को मंजूरी के लिए भेजा गया। बाद में ऊंचाई बढ़ा ली होगी। इसी के साथ कहा कि अब से कलाकारों और मूर्तिकारों को प्रतिमा स्थापित होने के बाद निदेशालय से अंतिम मंजूरी लेने के लिए कहा जाना चाहिए, न कि केवल मिट्टी के मॉडल के आधार पर। मंजूरी के लिए यह एक शर्त होनी चाहिए।
चेतन पाटिल हैं कौन
जब शिवाजी महाराज की प्रतिमा लगाई गई थी तब चेतन पाटिल स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट थे। वे 2010 से कोल्हापुर के एक एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में प्रोफेसर भी रह चुके हैं। चेतन ने 2 दिन पहले एक मराठी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था, ‘प्रतिमा के निर्माण से मेरा कोई लेना-देना नहीं हैं। मैंने मूर्ति के लिए केवल प्लेटफॉर्म का डिजाइन तैयार किया था। मूर्ति का काम पुणे की कंपनी को दिया गया था।‘
पीएम ने किया था अनावरण
आपको बता दें कि साल 2023 में नौसेना दिवस यानी 4 दिसंबर पर सिंधुदुर्ग के मालवन तहसील में राजकोट किले में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रतिमा का अनावरण किया था। 17 वीं शताब्दी के मराठा योद्धा राजा की 35 फिट ऊंची प्रतिमा सोमवार 26 अगस्त को दोपहर करीब 1 बजे गिर गई, जिससे बड़े पैमाने पर विवाद और आलोचना हुई।
ठेकेदार को भी किया गिरफ्तार
आपको बता दें कि पाटिल के अलावा इस परियोजना में शामिल एक ठेकेदार को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। इस घटना से एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को काफी शर्मिंदगी उठानी पड़ी है, जिसकी विपक्षी दलों ने तीखी आलोचना की है और विरोध प्रदर्शन किया है। शिंदे ने कहा कि प्रतिमा को भारतीय नौसेना ने डिजाइन और निर्माण किया था।
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने मूर्तिकार पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से करीबी संबंध होने का आरोप लगाया, जबकि राज्य के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि मूर्तिकार कांग्रेस नेता राहुल गांधी के करीबी थे। विपक्षी दलों ने इस घटना को छत्रपति शिवाजी महाराज की “विरासत का अपमान” बताया है और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से माफी की मांग की है।
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