MP News: भोपाल विकास प्राधिकारण (BDA) के रिश्वतखोर बाबू तारकचंद के पास 80 करोड़ से अधिक की संपत्ति का पता चला है। बाबू के होटल और पत्नी के ऑफिस में सर्चिंग के दौरान करोड़ों रुपए की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ है। बाबू ने घूसखोरी में कमाई अधिकांश संपत्ति अपनी पत्नी और सास के नाम कर रखी है।
दो दिन पहले 40 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया था बाबू
यहां बता दें, बीडीए के बाबू तारकचंद को दो दिन पहले (शुक्रवार) लोकायुक्त पुलिस ने 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते दबोचा था। इसके बाद बाबू के खिलाफ अन्य शिकायतों पर भी जांच शुरू हुई तो चौंकाने वाले खुलासे (MP News) हुए।
बाबू ने अधिकांश संपत्ति पत्नी-सास के नाम कर रखी
बाबू के घर की सर्चिंग में टीम को सोना-चांदी और कैश से लेकर कई बैंक अकाउंट मिले हैं। इसके अलावा अन्य दस्तावेजों में अधिकांश संपत्ति उसकी पत्नी और सास के नाम है।
आज करेगी बाबू के बैंक लॉकर की सर्चिंग
पुलिस को मिले बैंक लॉकर के दस्तावेज के आधार पर सोमवार को लॉकर की सर्चिंग करेगी। साथ ही उसकी पत्नी मंदिरा और सास से भी पूछताछ करेगी।
बाबू ने पत्नी के नाम की ये संपत्ति
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पत्नी मंदिरा के नाम पर कस्तूरबा नगर में दो फ्लोर का होटल, दो फ्लोर का बॉयज हॉस्टल और एक फ्लोर निर्माणाधीन है।
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मंदिरा दास एमपी नगर में खुद के ऑफिस और शेड नंबर 3 बीडीए ऑफिस के सामने स्टाम्प वेंडर का काम करती है।
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मंदिरा पंचशील नगर में एक ग्राहक सेवा केंद्र कियोस्क, एमपी ऑनलाइन का संचालन भी करती है।
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पंचशील मकान नंबर 10 में खुद के मकान में 14 किराएदार हैं।
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पंचशील का मकान नंबर 11 मां ईवा चटर्जी के नाम पर है, जिसमें 16 किराएदार हैं।
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तीन कार, पिकअप, दो स्कूटी, बुलेट की भी जानकारी मिली है।
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मंदिरा और उसकी मां के नाम पर ई-6 अरेरा कॉलोनी हाउसिंग बोर्ड में 4500 वर्ग फीट के प्लाट पर तीन मंजिला भवन था, जिसे साल 2016 में 1.90 करोड़ में बेचा।
लीज रिन्यू करने के नाम पर मांगी थी रिश्वत
आरोपी सहायक ग्रेड-1 तारकचंद दास ने रिश्वत की रकम रत्नागिरी प्रोजेक्ट में रहने वाले एक व्यक्ति से लीज रिन्यू करने के नाम पर मांगी थी। बाबू 3 लाख 35 हजार रुपए मांग रहा था। काफी मनाने के बाद पहली किस्त के 40 हजार रुपए शुक्रवार को लिए।
घूस की रकम दराज में रखवा दी और पकड़ा गया
घूस की रकम तारकचंद ने स्टाफ के सामने ही अपनी टेबल की दराज में रखवा दी। इसी दौरान लोकायुक्त पुलिस की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। तारकचंद ने दफ्तर के सामने ही पत्नी मंदिरा दास के नाम से दुकान ले रखी है। रजिस्ट्री के सर्विस प्रोवाइडर का लाइसेंस भी है। BDA से प्रॉपर्टी खरीदने वालों पर दास का दबाव रहता है कि रजिस्ट्री उसकी पत्नी की दुकान से (MP News) कराएं।
जानकारी के अनुसार फरियादी ने एसपी लोकायुक्त मनु व्यास के कार्यालय में शिकायत की थी। इस पर निरीक्षक नीलम पटवा की अगुवाई में टीम ने शुक्रवार को बीडीए के बाबू तारकचंद दास (58) को 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते दबोचा । बाबू तारकचंद पंचशील नगर में मकान नंबर 10 में रहता है।
6 महीने से परेशान कर रहा था बाबू
शिकायतकर्ता अपने मकान के लीज नवीनीकरण के लिए पिछले 6 महीने से तारकचंद दास के चक्कर काट-काटकर परेशान था। आरोपी बिना रिश्वत लिए काम करने को तैयार नहीं था। इससे तंग आकर उसने रिश्वत की रकम तय की और लोकायुक्त में शिकायत कर (MP News) दी।
अब अवैध रजिस्ट्री मामले की भी होगी जांच
होशंगाबाद रोड स्थित विद्या नगर में अनिल साखी के प्लॉट की रजिस्ट्री किसी अन्य व्यक्ति के करा लेने के मामले में 19 जून को क्राइम ब्रांच ने FIR दर्ज की है। इस मामले में BDA के सीनियर अफसरों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जाती है। फिलहाल कलेक्टोरेट में इसकी जांच चल रही है।
बीडीए में नवीनीकरण-नामांतरण के 300 से ज्यादा मामले लटके
लोकायुक्त पुलिस इस रजिस्ट्री में तारकचंद दास की भूमिका की भी जांच करेगी। BDA की राजस्व शाखा में खासतौर से लीज नवीनीकरण, नामांतरण, NoC के 300 से ज्यादा मामले पिछले छह महीने से पेंडिंग हैं। जिसके लिए लोग यहां चक्कर काटते रहते (MP News) हैं।