Kolkata Rape Murder Case: आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने पर सीबीआई विचार कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सीबीआई पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष का पॉलीग्राफ टेस्ट इसलिए करवाना चाहती है क्योंकि पूछताछ के दौरान उनके सवालों में काफी असंगतताएं मिली हैं।
दरअसल, सीबीआई के हाथों जांच जाने के बाद से वह लगातार आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल के साथ पूछताछ कर रही है। वहीं, हैरानी की बात यह भी है कि ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर के दो दिन बाद ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
CBI ने पूछे यह सवाल
सीबीआई कई दिनों से संदीप घोष से पूछताछ कर रही है, जिन्होंने अपराध के दो दिन बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। सीबीआई यह जानने का प्रयास कर रही है कि क्या डॉक्टर की हत्या किसी साजिश के तहत की गई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सीबीआई ने संदीप घोष से सवाल किया हत्या के बारे में सुनकर उनकी पहली प्रतिक्रिया क्या थी? वहीं, डॉक्टर से यह भी सवाल पूछा गया कि उन्होंने पीड़िता का शव उनके माता-पिता को तीन घंटे बाद क्यों दिया था?
सवाल और जवाब में नहीं मिला मेल
बता दें कि मीडिया अधिकारियों ने बताया कि वह पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के जवाबों से सहमत नहीं है, जिसके कारण वह उनका पॉलीग्राफ टेस्ट करवा कर उनके जवाबों की पुष्टि करना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे सवाल और उनके जवाब आपस में मेल नहीं खा रहे हैं, इसलिए वह उनपर पॉलीग्राफ टेस्ट कराने पर विचार विमर्श कर रहे हैं। वहीं, सीबीआई ने डॉक्टर से यह भी पूछा था कि हत्या की सूचना मिलने के बाद वह पहला व्यक्ति कौन था, जिससे आपन संपर्क किया था।
कोलकाता हाई कोर्ट के बाद संदीप घोष पर गया शक
दरअसल, मामले की सुनवाई के दौरान कोलकाता हाई कोर्ट ने कहा था कि आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष पहला व्यक्ति होना चाहिए था, जिससे पूछताछ होनी चाहिए। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मामले में एफआईआर में देरी के कारण पश्चिम बंगाल को फटकार लगाई और पूछा की हत्या का पता चलने के बाद संदीप घोष और अस्पताल प्रशासन क्या कर रहा था। साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि संदीप घोष ने हत्या को आत्महत्या बताने की कोशिश क्यों की थी।
ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुई थीं दरिंदगी
कोलकाता के आर. जी. कर अस्पताल में 9 अगस्त को 31 साल की ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ उसी अस्पताल में काम करने वाले संजय रॉय नाम के व्यक्ति ने रेप करने के बाद उसकी बेरहमी से हत्या कर दी थी। इसके बाद से डॉक्टरों के साथ आम लोग सड़कों पर उतर आए हैं। वह पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं।
साथ ही आरोपी के खिलाफ सख्त से सख्त सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं। मामले की गंभीरता को देख सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया और 20 अगस्त को इस मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि वह डॉक्टरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए टास्क फॉर्स का गठन करेगी।
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