Raksha Bandhan 2024: इस बार रक्षाबंधन 19 अगस्त को है। रक्षाबंधन के दिन शुभ मुहूर्त में भाई की कलाई पर बहनें राखी बांधेंगी। भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक रक्षाबंधन विशेष योग संयोगों के बीच मनाया जाएगा। जो भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत बनाएगा।
श्रावण मास की पूर्णिमा पर आने वाले इस पर्व पर रवि और शोभन योग के साथ ही श्रवण नक्षत्र का महासंयोग बनेगा। सावन का अंतिम सोमवार भी पड़ रहा है।
राखी बांधने का मंत्र और तरीका
पूजा थाली में कौन-कौन सी चीजें रखें
नारियल
पानी का लोटा
कुमकुम
चावल
मिठाई
दीपक
रक्षासूत्र (राखी)
राखी बांधने का तरीका
सबसे पहले बहन भगवान गणेश का ध्यान करते हुए भाई के माथे पर चंदन या कुमकुम का तिलक लगाएं।
तिलक पर चावल लगाएं।
भाई की दाहिनी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधें।
नारियल दें। मिठाई खिलाएं। दीपक जलाकर आरती करें।
भगवान से भाई की रक्षा और सौभाग्य के लिए प्रार्थना करें।
रक्षासूत्र बांधते समय बोलें ये मंत्र
वेन बादो बली राजा दानवेन्द्रो महाचलः। तेन त्यां अभिबध्नामि रखे मा चल मा चल।।
मंत्र का अर्थ- एक रक्षासूत्र लक्ष्मी जी ने असुरराज बलि को बांधा था, ठीक उसी तरह मैं मेरे भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधती हूं। ये रक्षासूत्र मेरे भाई की रक्षा करे। हे रक्षासूत्र तुम अटूट रहना और भाई को बुराइयों से बचाना।
भद्रा काल किसे कहते हैं?
ज्योतिष में तिथि, वार, ग्रह और नक्षत्रों की वजह से अलग-अलग योग बनते हैं। जैसे राहु काल, अभिजीत मुहूर्त, सर्वार्थसिद्ध योग, पुष्य नक्षत्र, भद्रा काल आदि।
ज्योतिष के पांच खास अंग हैं तिथि, वार, योग, – नक्षत्र और करण। इनमें करण के अंगों में भद्रा काल भी है। काल यानी एक विशेष समय।
विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, नए व्यापार की शुरुआत, जनेऊ, रक्षासूत्र बांधना जैसे शुभ काम भद्रा काल छोड़कर किए जाते हैं, क्योंकि इसे अशुभ मानते हैं।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
सिंह लग्न – अमृत की चौघड़िया-प्रातः 5.40 से 7.30 बजे तक
शुभ चौघड़िया- सुबह 9.08 से 10.40 तक
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 11.36 से 12.24 तक रहेगा। यह सर्वोत्तम समय माना गया है.
वृश्चिक लग्न (स्थिर लग्न) – 12.38 बजे से 14.56 बजे तक
लाभ चौघड़िया – दोपहर 3.40 बजे से 5.17 बजे तक
अशुभ समय – 7.30 बजे से 9.08 बजे तक, राहुकाल है इसका त्याग करना चाहिए।
काल चौघड़िया- सुबह 7.30 बजे से 9.08 बजे तक
दिशा का रखें विशेष ध्यान
राखी बांधते समय भाई को पूर्वाभिमुख, पूर्व दिशा की ओर बिठाना चाहिए। बहन का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। विद्वानों के अनुसार इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि भाई या बहन का मुख दक्षिण दिशा की ओर न हो। काले रंग की या खंडित राखी भाइयों की कलाई पर नहीं बांधनी चाहिए।
जब राखी कलाई से उतारें तो उसे लाल कपड़े में बांधकर उचित स्थान पर रखें। इस रक्षा सूत्र को साल भर संभालकर रखना चाहिए।
फिर अगले साल रक्षाबंधन पर राखी बंधवाने के बाद इसे पवित्र जल या फिर नदी में प्रवाहित करना चाहिए। वहीं अगर राखी कलाई से उतारते वक्त खंडित हो जाए तो उसे संभालकर नहीं रखना चाहिए।
विद्वानों के अनुसार, उसे मुद्रा के साथ किसी पेड़ के नीचे रख देना चाहिए। अथवा जल में प्रवाहित कर देना चाहिए।