MP News: मध्य प्रदेश पुलिस की एक महिला कांस्टेबल अनीता रावत मीणा को एक प्राइवेट कोचिंग के विज्ञापन में रोल करना महंगा पड़ गया। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
रतलाम (MP News) के पुलिस कप्तान राहुल कुमार लोढ़ा ने महिला कांस्टेबल को वर्दी में निजी कोचिंग संस्थान का प्रचार करने के मामले में कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है। बता दें कि अनीता रावत मीणा नामली पुलिस थाने में पदस्थ हैं और साथ ही एमपी पुलिस सब इंस्पेक्टर की तैयारी भी कर रही हैं।
सोशल मीडिया के माध्यम एक महिला आरक्षक द्वारा वर्दी में निजी कोचिंग संस्थान का प्रचार करना संज्ञान में आया है। जिस पर पुलिस अधीक्षक रतलाम द्वारा महिला आरक्षक के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए निलंबित किया गया। आगे विभागीय स्तर पर जांच की जा रही है।@MPPoliceDeptt https://t.co/kU0EPLIkh1
— S.P. Ratlam (@SP_RATLAM_MP) August 16, 2024
सोशल मीडिया हैंडल ‘एमपी युवा शक्ति’ ने शेयर किया वीडियो
एक सोशल मीडिया हैंडल ‘एमपी युवा शक्ति’ ने इस वीडियो को साझा करते हुए तंज कसा है कि अब पुलिस की वर्दी में केवल चौराहे पर ड्यूटी देना ही नहीं, बल्कि प्राइवेट कोचिंग क्लास का प्रमोशन करना भी शामिल है।
वीडियो (MP News) में मध्य प्रदेश पुलिस की आरक्षक अनीता रावत मीणा को दिखाया गया है, जो प्राइवेट कोचिंग क्लास का प्रमोशन करती दिख रही हैं। हैंडल ने मध्य प्रदेश पुलिस विभाग से कहा है कि पुलिस भर्ती के दौरान चयनित अभ्यर्थियों को वीडियो बनाने का प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिए।
वीडियो में युवती को कोचिंग की सलाह दे रहीं कॉन्स्टेबल
वीडियो में दिखाया गया है कि एक युवती सड़क पर ट्रैफिक ड्यूटी में तैनात पुलिस कांस्टेबल से पूछती है कि वह उन्हें काफी समय से फॉलो कर रही है और उनके जैसी बनना चाहती है। कांस्टेबल ने जवाब में इंदौर की एक कोचिंग का नाम बताया और कहा कि वह अभी भी वहां से एमपीएसआई (MPSI) की तैयारी कर रही हैं।
उन्होंने युवती को सलाह दी कि वह कोचिंग का यूट्यूब चैनल चेक कर सकती है और मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (एमपीईएसबी) के किसी भी एग्जाम की तैयारी वहां से कर सकती है।
सोशल मीडिया पर आ रही प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। एक यूजर ने लिखा है कि वर्दी में ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए, क्योंकि वह सिस्टम का हिस्सा हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि महिला आरक्षक को समझाइश के साथ एक और मौका दिया जाना चाहिए, क्योंकि शायद उन्हें नहीं मालूम था कि ऐसा नहीं किया जा सकता है।
वहीं, दूसरे यूजर्स ने महिला पुलिस कांस्टेबल के खिलाफ की गई कार्रवाई को उचित ठहराया है। यूजर ने लिखा कि ऐसी लड़की को नौकरी से बाहर कर देना चाहिए, जो नौकरी की इज्जत नहीं कर सकती।
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