MP Nursing Scam: मध्यप्रदेश में नर्सिंग मान्यता फर्जीवाड़े मामले में शुक्रवार, 16 अगस्त को एक जनहित याचिका के साथ सभी नर्सिंग मामलों की सुनवाई मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में हुई। कोर्ट की प्रिंसिपल बेंच में जस्टिस संजय द्विवेदी एवं जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की विशेष पीठ ने सुनवाई की। जिसमें कोर्ट ने सत्र 2023-24 की मान्यता का विवाद सुलझाने INC से मांगा जवाब है, साथ की कॉलेजों से पूछा कि दो सत्र के छात्रों को एक साथ समायोजित कैसे करेंगे?
इन यूनिवर्सिटी ने मान्यता के लिए लगाए याचिका
पीपुल्स यूनिवर्सिटी भोपाल और अरविन्दो मेडिकल यूनिवर्सिटी की ओर से सत्र 2023-24 की मान्यता के लिए लगाई गई याचिका पर सुनवाई हुई। इन निजी विश्वविद्यालयों ने याचिका में कहा है कि इस पूरे मामले में चल रहे कोर्ट केस एवं सीबीआई जांच के चलते सरकार द्वारा 2023-24 की मान्यता प्रदान नहीं की गई है। पूरे मामले में निजी विश्वविद्यालय को बेवजह परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसलिए उन्हें सत्र 2023-24 की मान्यता दिलाई (MP Nursing Scam) जाए।
निजी यूनिवर्सिटी की मांग पर आपत्ति याचिका लगाई गई
पीआईएल के याचिकाकर्ता वकील विशाल बघेल ने एक आवेदन प्रस्तुत कर निजी विश्वविद्यालयों की इस मांग को लेकर कड़ी आपत्ति व्यक्त की तथा कोर्ट को बताया कि सत्र 2023-24 की मान्यता एवं प्रवेश हेतु आईएनसी द्वारा घोषित की गई कट-ऑफ डेट अब निकल चुकी है, वहीं दूसरी और शासन भी सत्र 2024-25 की मान्यता प्रक्रिया शुरू कर चुका है। इन परिस्थितियों में 2023-24 में प्रवेश की अनुमति दिया जाना अनुचित होगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के उन आदेशों की अवहेलना भी होगी, जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि नर्सिंग कॉलेजों में एडमिशन की कट-ऑफ डेट किसी भी परिस्थिति में नहीं बढ़ाई जा सकती (MP Nursing Scam) है।
कॉलेजों में अधोसंरचना और फैकल्टी उपलब्ध नहीं
कोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया है की अभी वर्तमान में प्राइवेट एवं सरकारी नर्सिंग कॉलेजों के पास एक साथ दो बैच पढ़ाने हेतु पूर्ण रूप से अधोसंरचना और फैकल्टी उपलब्ध नहीं है। जिससे नए बैच को समायोजित किया जाना भी संभव नहीं है। सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि यदि कोर्ट आदेशित करेगी तो आईएनसी द्वारा सत्र 2023-24 की मान्यता प्राप्त संस्थाओं को नवीनीकरण दिया जा सकता (MP Nursing Scam) है ।
हाईकोर्ट ने INC से यह भी पूछा
पूरे विवाद को सुलझाने के लिए हाईकोर्ट ने इंडियन नर्सिंग काउंसिल (INC) को सभी मामलों में पक्षकार बनाए जाने का निर्देश दिया है, साथ ही इंडियन नर्सिंग काउंसिल को यह भी बताने के लिए कहा है की क्या सत्र 2023-24 की एडमिशन की कट-ऑफ डेट को बढ़ाया जा सकता है?
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कोर्ट ने कहा- निजी विवि और सरकार शपथ पत्र दे
कोर्ट ने निजी विश्वविद्यालयों को और सरकार को भी शपथ पत्र देने को कहा है कि यदि आईएनसी द्वारा सत्र 2023 24 की एडमिशन की कट-ऑफ डेट बढ़ाई जाती है और उन्हें सत्र 2023-24 में मान्यता दे दी जाती है तो वो किस प्रकार से 2 बैच के छात्रों को समायोजित करेंगे और दो बैच के छात्रों हेतु उनके पास उपलब्ध अधोसंरचना, फैकल्टी इत्यादि जानकारी भी पेश करनी (MP Nursing Scam) होगी ।