MP Guest Teacher Issue: मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी एक बेहद गंभीर समस्या है। इस शैक्षणिक सत्र में भी अभी तक ये बनी हुई है।
उच्च पद प्रभार यानी प्रमोशन के कारण शिक्षकों के इधर से उधर होने से करीब 5 हजार पद खाली होने वाले हैं। इन खाली पदों पर अतिथि शिक्षक कब तक ज्वाइन करेंगे, अभी इसकी किसी तरह की कोई तैयारी दिख नहीं रही है।
प्रमोटी टीचर 20 तक कर सकेंगे ज्वाइन
प्रमोटी टीचर 20 अगस्त तक अपने नये पद पर ज्वाइन कर सकेंगे। दरअसल पोर्टल में समस्या आने से शिक्षकों को ज्वाइनिंग में दिक्कत हो रही थी।
जिसके बाद लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) की ओर से हाल ही में एक आदेश निकाला गया, जिसमें प्रमोटी शिक्षक को 20 अगस्त तक ज्वाइन करने की सुविधा दी गई।
20 अगस्त के बाद ये बनेगी स्थिति
प्रमोटी शिक्षकों को जिन पदों पर ज्वाइन करना है, वे रिक्त पद हैं। खाली पदों पर अतिथि शिक्षकों को नियुक्त किया जाता है। जैसे ही प्रमोटी शिक्षक इन पदों पर ज्वाइनिंग देंगे, यहां पदस्थ अतिथि की सेवाएं स्वत: ही समाप्त हो जाएगी।
इधर प्रमोटी शिक्षक के अपने वर्तमान पद छोड़ने से खाली हुए पद पर अतिथि शिक्षक को रखने के संबंध में फिलहाल कोई तैयारी शुरु नहीं की गई है।
इस बार स्थिति ज्यादा चिंताजनक
बीते शैक्षणिक सत्र में शिक्षकों की कमी से बोर्ड कक्षाओं का रिजल्ट बिगड़ा। उम्मीद थी कि इससे सीख लेकर इस बार शिक्षकों के मामले में स्थिति बेहतर होगी, लेकिन इसके उलट पूरी तरह से खिचड़ी मच गई है।
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) August 15, 2024
नई भर्ती से अतिथि शिक्षकों के पद खत्म कर दिये हैं, लेकिन भर्ती से चयनित शिक्षक कब तक ज्वाइन करेंगे इसका कुछ अता पता नहीं है। प्रमोशन से जो पद खाली होने वाले हैं, उनमें अब तक अतिथियों की ज्वाइनिंग की तैयारी भी शुरु नहीं हुई है। संभावित ट्रांसफर के बाद हालात बिगड़ेंगे वो तो अलग ही है।
13 हजार अतिथि पहले ही हो गए बाहर
बोर्ड रिजल्ट खराब होने के बाद शासन ने ये स्पष्ट कर दिया था कि 30% भी रिजल्ट नहीं देने वाले अतिथि शिक्षकों को दोबारा नहीं रखा जाएगा।
इससे 13 हजार अतिथियों की नौकरी पहले ही जा चुकी है। ये बात और है कि उन्हें पढ़ाने के लिये स्कूलों में कितना समय मिला, ये अलग मुद्दा है।
इन तीन कारणों से 13 हजार अतिथियों पर संकट
1. उच्चपद प्रभार: उच्च पद प्रभार की भी प्रक्रिया चल रही है। इसमें 20000 से ज्यादा नियमित शिक्षक इधर से उधर होंगे। इससे करीब 5 हजार अतिथि शिक्षकों को दिक्कत आ सकती है।
2. शिक्षक भर्ती: वर्ग 1 शिक्षक भर्ती की 5 हजार से अधिक पदों के लिए चल रही है। इनके नियुक्ति पत्र जारी होते ही 5 हजार अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति पर खतरा आ जाएगा।
3. शिक्षकों का ट्रांसफर: जब तबादले शुरू होंगे तब भी ट्रांसफर होकर शिक्षक दूसरे स्कूलों में पदस्थ होंगे। इसमें करीब 3 हजार अतिथियों की नौकरी पर संकट आएगा।
अनुभवी अतिथि शिक्षकों को मिले प्राथमिकता
भर्ती, प्रमोशन और ट्रांसफर के कारण कई अनुभवी अतिथियों की नौकरी या तो जा चुकी है या जाने वाली है।
14 अगस्त को अतिथि शिक्षक समन्वय समिति ने आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय को एक पत्र सौंपकर अनुभवी अतिथि शिक्षकों को रिक्त पदों पर भर्ती में प्राथमिकता दिये जाने की मांग की है।
अतिथि शिक्षकों की ये है मांगें
1. खाली पदों पर अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति के आदेश तत्काल जारी हों।
2. अनुभव-वरिष्ठता के आधार पर विभागीय पात्रता परीक्षा आयोजित कर नियमित शिक्षक बनाया जाए।
3. अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर अतिथियों का पूरे एक साल का अनुबंध किया जाए।
4. शिक्षक भर्ती में 50% आरक्षण और हर साल 4 अंक या अधिकतम 20 अंक बोनस दिया जाए।
5. महीने की निश्चित तारीख को अतिथि शिक्षकों को मानदेय देने का आदेश जारी किया जाए।
अतिथियों के सामने ये बड़ा संकट
ग्रीष्मकालीन अवकाश और नियुक्ति में देरी से सालभर में अतिथि शिक्षकों (MP Guest Teacher) को 3 से 4 माह तक मानदेय नहीं मिलता। ऐसी स्थिति में 50 किलो मीटर दूर जाकर अध्यापन करवाना बहुत मुश्किल होता है।
परिवार के भरण पोषण की चिंता हमेशा बनी रहती है। सालों से अतिथि व्यवस्था में जुड़े कई लोग उम्रदराज हो चले हैं। 40 से 50 साल की उम्र के अतिथि यदि ट्रांसफर या भर्ती के कारण अब निकाले जाते हैं तो उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा।