Independence Day 2024: देश आजादी का जश्न मनाने की तैयारी कर रहा है, लेकिन एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का परिवार अपने हक के लिए आमरण अनशन पर बैठ गया है। छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ के स्व. मौजीलाल जैन को 1974-75 में शासन द्वारा सम्मानित किया गया था और एक जमीन दी गई थी, लेकिन आज तक उनके परिजनों को यह जमीन नहीं मिली है।
परिवार ने अपनी मांग के लिए दर-दर भटका, लेकिन शासन-प्रशासन ने उनकी सुनवाई नहीं की। मजबूर होकर, परिवार शहर के जयस्तम्भ के पास अनशन पर बैठ गया। यह परिवार न्याय की मांग कर रहा है और अपने हक के लिए लड़ रहा है।
कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर की अपने हक की मांग
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. मौजीलाल जैन की विधवा बहू दया जैन और पोते विशाल जैन ने कलेक्टर डी. राहुल वेंकट को ज्ञापन सौंपकर अपने हक की मांग की है। उन्होंने कहा कि उनके ससुर को 1974-75 में शासन द्वारा 2.023 हेक्टेयर भूमि दी गई थी, लेकिन गाँव के दबंगों ने कब्जा कर लिया है और उनके बच्चों को जान से मारने की धमकी देकर वहां से भगा देते हैं।
दया जैन ने पहले भी 29 जुलाई को एसडीएम और 6 अगस्त को जनदर्शन कार्यक्रम में आवेदन दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब वे कलेक्टर से अपील कर रहे हैं कि उनके खाते की जमीन पर उन्हें हक दिलवाएं और दबंगों से उनकी रक्षा की जाए।
मौजीलाल जैन का 1985 में हो गया था निधन
दया जैन ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर अपनी जमीन के कब्जे की मांग की है। उन्होंने कहा कि उनके ससुर मौजीलाल जैन का 1985 में निधन हो गया था, लेकिन तब से उन्हें जमीन का कब्जा नहीं मिल पाया है। दया जैन के पति कैलाश चन्द्र जैन का कोरोना काल में निधन हो गया था, जिसके बाद उनके दो बेटों के सामने गुजर बसर की समस्या पैदा हो गई है।
दया जैन के दो बेटे हैं, जिनमें बड़ा बेटा अमित जैन मानसिक रूप से बीमार है। दया जैन की मांग है कि उन्हें उनके हक की जमीन का कब्जा दिलाया जाए ताकि वे अपने परिवार का गुजर बसर कर सकें।
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