Bangladeshi illegal Immigrants HC: झारखंड उच्च न्यायालय (Bangladeshi illegal Immigrants HC) ने मंगलवार को राज्य सरकार को अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान करने के निर्देश दिए हैं। दरअसल, बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासी संथाल परगना क्षेत्र में अवैध रूप से रह रहे हैं।
इसको लेकर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस अरुण कुमार राय की डिवीजन बेंच ने बांग्लादेशियों के अवैध प्रवास (Bangladeshi illegal Immigrants HC) पर दाखिल की गई एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को क्षेत्र के मूल निवासियों की पहचान के लिए एक अभियान शुरू करने के आदेश दिए हैं।
राशन कार्ड, आधार कार्ड पर फैसला
झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार (Bangladeshi illegal Immigrants HC) को यह भी निर्देश दिए कि राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड बनाने के लिए जरूरी दस्तावेज आवेदकों के लैंड डॉक्यूमेंट्स और निवास स्थिति की पुष्टि करने के बाद ही जारी किए जाएं।
राज्य और केंद्र के लिए यह चिंता का विषय
हाई कोर्ट की बेंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि पड़ोसी देश से अवैध इमिग्रेशन एक खतरनाक प्रस्ताव है। राज्य और केंद्र के लिए यह काफी गंभीर चिंता का विषय है। उच्चतम न्यायालय में बहस के समय याचिकाकर्ता (Bangladeshi illegal Immigrants HC) डेनियल दानिस ने कोर्ट में जानकारी दी कि संथाल परगना के 6 जिलों- देवघर, दुमका, साहिबगंज, पाकुड़, गोड्डा और जामताड़ा में अवैध अप्रवासी निवास कर रहे हैंय़ इसके परिणामस्वरूप इलाके की जनसांख्यिकी में काफी बड़ा बदलाव आया है।
22 अगस्त को अगली सुनवाई
हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि 1951 से 2011 के बीच जनजातीय आबादी का आंकड़ा 44.67 से घटकर 28.11 प्रतिशत हो गया है। वहीं, अल्पसंख्यक समुदाय की आबादी 9.44 प्रतिशत से बढ़कर 22.73 प्रतिशत पहुंच गई है। अब इस याचिका के मामले में हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 22 अगस्त को फिर होगी।
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