Dominos Pizza Raipur Controversy: रायपुर में मल्टीनेशनल ब्रांड डोमिनोज पिज्जा की तेलीबांधा ब्रांच में डिलीवरी के दौरान बड़ी गड़बड़ी का मामला सामने आया है। जहां युवकों ने वेज पिज्जा ऑर्डर किया था, लेकिन उन्हें नॉन वेज पिज्जा परोस (Non-Veg Pizza Served to Vegetarian Customer in Raipur) दिया गया। यह घटना मल्टीनेशनल ब्रांड की ग्राहक सेवा पर सवाल उठाती है। ग्राहकों का भरोसा बनाए रखने के लिए कंपनी को अपनी सेवाओं में सुधार करना होगा।
युवकों ने इस मामले का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया है. डोमिनोज (Raipur Dominos Branch) में लापरवाही बरतने के मामले में कलेक्टर गौरव कुमार सिंह ने कहा है कि जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने खाद्य विभाग को इस संबंध में निर्देशित किया है।
देखें वायरल वीडियो-
टीम भेजकर कराई जाएगी जांच
सावन के महीने में वेज खाद्य सामग्रियों में नॉनवेज निकलने से लोगों में रोष है। इस मामले में अजय शंकर उपायुक्त खाद्य ने कहा है कि टीम भेजकर जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि होटल, रेस्टोरेंट और ढाबा सभी को निर्देश दिए गए हैं कि वेज खाद्य सामग्री और नॉनवेज अलग-अलग रखा जाए। शिकायत सही पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
डोमिनोज, KFC के एक ही किचन में पक रहा था वेज-नॉनवेज
आपको बता दें कि जुलाई महीने में खाद्य विभाग ने दुर्ग जिले के डोमिनोज, पिज्जा हट, केएफसी, मैकडॉनल्ड्स जैसी आउटलेट्स में छापा मारा था. जहां एक ही किचन में वेज-नॉनवेज बनाया जा रहा था. अब रायपुर में वेज पिज्जा के बदले नॉन वेज पिज्जा मिलना भी ऐसी ही गड़बड़ी की ओर आशंकित करता है.
खाद्य विभाग ने जब मैकडॉनल्ड्स और डोमिनोज में छापा (Chhattisgarh Durg News) मारा तो पता चला कि एक ही किचन में वेज-नॉनवेज बनाया जा रहा था। एक ही कुक मशीन में वेज-नॉनवेज दोनों तैयार करते पाए गए। तीनों इंटरनेशनल ब्रांड के संस्थान में कई अनियमितताएं पाई गई थीं।
फूड आउटलेट्स की होनी चाहिए नियमित जांच
राजधानी में खाद्य विभाग की लापरवाही के कारण फूड आउटलेट्स की समय पर जांच नहीं होती है। अधिकारी केवल कागजी कार्रवाई करते हैं और जनता को मिलने वाले खाने की गुणवत्ता की जांच नहीं करते हैं। इसके परिणामस्वरूप, बड़े रेस्टोरेंट्स में शाकाहारी और मांसाहारी खाना एक साथ रखा जाता है, जिससे ग्राहकों को वेज ऑर्डर करने के बावजूद नॉनवेज खाना परोसा जाता है।
यह मामला खाद्य विभाग की सुस्ती और लापरवाही को दर्शाता है। अधिकारियों को इस मामले में तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और फूड आउटलेट्स की नियमित जांच शुरू करनी चाहिए। साथ ही, रेस्टोरेंटों को शाकाहारी और मांसाहारी खाना अलग-अलग रखने के निर्देश देने चाहिए। ग्राहकों को मिलने वाले खाने की गुणवत्ता की जांच करना खाद्य विभाग की जिम्मेदारी है।
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