हाइलाइट्स
- अतिथि शिक्षकों से जुड़ा बड़ा मामला
- अतिथि व्यवस्था खत्म करने हाईकोर्ट में याचिका
- आरटीई एक्ट को आधार बनाकर याचिका दाखिल
MP Guest Teacher Case: मध्य प्रदेश में अतिथि शिक्षकों को बड़ा झटका लग सकता है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों से पूरी अतिथि व्यवस्था ही खत्म करने हाईकोर्ट मामला पहुंच चुका है।
एमपी हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में ये याचिका दाखिल हुई है। याचिका का क्या आधार है और क्या इस याचिका से अतिथियों को चिंतित होना चाहिए, आइये आपको इस खबर में बताते हैं।
डिवीजन बेंच में लगा केस
एमपी के सरकारी स्कूलों में अतिथि व्यवस्था खत्म करने के लिये एमपी हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में केस लगा है। ये केस डिवीजन बेंच में लगा है।
याचिका (MP Guest Teacher Case) पूजा पालीवाल की ओर से लगाई गई है। इसमें स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और डीपीआई कमिश्नर को रिस्पॉडेंट बनाया गया है।
याचिका का ये है आधार
याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता प्रतीप विसोरिया ने बंसल न्यूज डिजिटल को बताया कि शिक्षा का अधिकार कानून गुणवत्ता और बेहतर शिक्षा का अधिकार बच्चों को देता है। बिना नियमित शिक्षक के ये संभव नहीं।
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) August 13, 2024
प्रदेश में करीब 1.75 लाख पद खाली हैं, जिनमें अतिथि शिक्षक नियुक्त हैं। मध्य प्रदेश की स्कूल व्यवस्था नियमित शिक्षक की जगह अतिथियों के भरोसे है और यही हमारी याचिका का आधार है।
याचिका पर क्या है अपडेट
पूजा पालीवाल की ओर से हाईकोर्ट ग्वालियर में ये याचिका 2 अगस्त को रजिस्टर्ड की गई थी। इसकी पहली सुनवाई 7 अगस्त को होने की संभावना थी, लेकिन किसी कारणों से नहीं हो पाई।
सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं है। पहली सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की बेंच डिसाइड करेगी कि इस याचिका पर आगे क्या करना है।
क्या अतिथियों को चिंतित होना चाहिए?
अतिथियों को बिल्कुल चिंतित होने की जरुरत है। अतिथियों के नियमितीकरण के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट का आदेश है।
स्कूलों में अतिथि शिक्षकों के पढ़ाने को लेकर यूपी हाईकोर्ट भी सवाल खड़े कर चुका है। RTE Act भी अतिथि व्यवस्था को सपोर्ट नहीं करता। ऐसे में याचिका को लेकर अतिथियों का चिंतित होना लाजमी है।