Natwar Singh: भारत के पूर्व विदेश मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शामिल रहे नटवर सिंह का शनिवार देर रात गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया है।
नटवर सिंह की उम्र 95 वर्ष थी। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो वह काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। मेदांता अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।
नटवर सिंह ने मई 2004 से दिसंबर 2005 तक डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया है।
प्रधानमंत्री के साथ मतभेद की वजह से उन्होंने एनडी तिवारी और अर्जुन सिंह के साथ कांग्रेस छोड़ दी थी।
नटवर सिंह ने एक नई राजनीतिक पार्टी, अखिल भारतीय इंदिरा कांग्रेस का गठन किया था, हालांकि 1998 में जब सोनिया गांधी ने पार्टी पर नियंत्रण लिया, तो तीनों नेताओं ने अपनी नई पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया।
दिल्ली: पूर्व विदेश मंत्री के. नटवर सिंह का निधन, 93 साल की उम्र में ली आखिरी सांस #DelhiNews #ForeignMinister #KNatwarSingh #congress #bjp #Death pic.twitter.com/vIlFsNdFOJ
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राजस्थान के सीएम ने जताया दु:ख
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की है। भजनलाल शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा है कि भारत सरकार में पूर्व विदेश मंत्री, पद्म विभूषण से सम्मानित कु. नटवर सिंह जी के निधन का समाचार अत्यन्त दुःखद है। प्रभु श्रीराम जी से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान तथा शोकाकुल परिवार को इस दुख की घड़ी में संबल प्रदान करें।’
भारत सरकार में पूर्व विदेश मंत्री, पद्म विभूषण से सम्मानित कु. नटवर सिंह जी के निधन का समाचार अत्यन्त दुःखद है।
प्रभु श्रीराम जी से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान तथा शोकाकुल परिवार को इस दुख की घड़ी में संबल प्रदान करें ।ॐ शांति! pic.twitter.com/hwcUNjWwh3
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कौन थे कुंवर नटवर सिंह
कुंवर नटवर सिंह ने मई 2004 से दिसंबर 2005 तक विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया है। नटवर सिंह को 1953 में भारतीय विदेश सेवा में चुना गया था।
1984 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के सदस्य के रूप में चुनाव लड़ने के लिए सेवा से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने चुनाव जीता और 1989 तक केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया।
इसके बाद 2004 में भारत के विदेश मंत्री बनाए जाने तक उनका राजनीतिक करियर उतार-चढ़ाव भरा रहा
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कुंवर नटवर सिंह सियासी जीवन
साल 1984 में आईएफएस सेवा से इस्तीफा देकर नटवर सिंह ने कांग्रेस पार्टी जॉइन की और अपने सियासी जीवन की शुरुआत की थी।
इसी साल नटवर सिंह ने भरतपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीतकर राज्य मंत्री बन गए थे। उन्हें इस्पात, कोयला, खान और कृषि विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी।
1984 में ही उन्हें भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। इसके बाद 1986 में नटवर सिंह विदेश मामलों के राज्य मंत्री बनाए गए।
1987 में न्यूयॉर्क में आयोजित निरस्त्रीकरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) सम्मेलन का अध्यक्ष बनाया गया। नटवर सिंह ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 42वें सत्र में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भी किया था।
वहीं साल 1989 के आम चुनावों में नटवर सिंह उत्तर प्रदेश की मथुरा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन यहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
सोनिया गांधी ने मांगी थी माफी
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो नटवर सिंह ने इंटरव्यू में कहा था कि “मैंने सोनिया से कहा कि आपने मेरे साथ गलत किया।
इसके जवाब में सोनिया ने कहा कि उन्हें जानकारी नहीं थी। फिर मैंने जवाब दिया कि आपके बिना तो कांग्रेस में पत्ता तक नहीं मिलता। बाद में सोनिया ने मुझसे माफी मांगी थी।”
कुंवर नटवर सिंह शिक्षा और निजी जीवन
कुंवर नटवर सिंह के पिता का गोविंद सिंह और माता का नाम प्रयाग कौर था। नटवर चार भाई थे। सिंह का जन्म भरतपुर रियासत में हुआ था।
उन्होंने मेयो कॉलेज अजमेर और सिंधिया स्कूल ग्वालियर में शिक्षा प्राप्त की थी। जो भारतीय राजघरानों और कुलीनों के लिए पारंपरिक शैक्षणिक संस्थान थे।
इसके बाद उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली से स्नातक की डिग्री पूरी की। फिर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के कॉर्पस क्रिस्टी कॉलेज में अध्ययन किया और चीन में पेकिंग विश्वविद्यालय में कुछ समय के लिए विजिटिंग स्कॉलर भी रहे थे।