CG Coal Scam: सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ बहुचर्चित कोयला घोटाला के आरोपियों को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने इस मामले के आरोपी सुनील अग्रवाल, निलंबित आईएएस रानू साहू और दीपेश टांक को जमानत दे दी है. इससे पहले हाईकोर्ट ने आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दी थी. बता दें कि ईओडब्ल्यू (EOW) में दर्ज मामले के चलते निलंबित आईएएस रानू साहू को अभी भी जेल में ही रहना पड़ेगा.
ED ने रानू साहू को 22 जुलाई को किया था गिरफ्तार
बता दें कि ED ने 500 करोड़ से अधिक के कोयला घोटाले (CG Coal Scam) के आरोप में 21 जुलाई 2022 को रानू साहू के घर दबिश देकर 22 जुलाई को गिरफ्तार किया था. इसके साथ ही 11 अक्टूबर 2022 को कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल को गिरफ्तार किया था. ईडी ने उस वक्त कोयला परिवहन और कोल लेवी वसूली के मामले पर सैकड़ों करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया था.
ED ने 11 लोगों को किया था गिरफ्तार
ED ने 540 करोड़ रुपए के कोल लेवी स्कैम में निलंबित IAS रानू साहू, सौम्या चौरसिया के साथ IAS समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी और जेडी माइनिंग एसएस नाग और कांग्रेस विधायक समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया था. ये सभी न्यायिक रिमांड पर जेल में हैं. इन लोगों से पूछताछ के बाद इनके घरों से कुछ दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं.
ईडी ने पिछले साल 540 करोड़ के अवैध कोल परिवहन का मामला दर्ज किया था. कोल परिवहन में कोयला एजेंसियों से प्रति टन 25 रुपए कमीशन हड़पने का आरोप है. ये वूसली सिंडिकेट करता था. सिंडिकेट के लोगों के नाम पर ही FIR दर्ज की गई है.
500 करोड़ रुपए अवैध उगाही को लेकर हो रही जांच
दरअसल, छत्तीसगढ़ में कथित कोयला घोटाले में प्रर्वतन निदेशालय ने 500 करोड़ रुपए अवैध उगाही को लेकर जांच शुरू की थी. इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया था. आरोप लगाया गया कि वसूली के लिए नियमों में बदलाव किया गया था. ED ने मामले में सूर्यकांत तिवारी, IAS समीर बिश्नोई, सौम्या चौरसिया, IAS रानू साहू और कोल वॉशरी संचालक सुनील अग्रवाल समेत अन्य को अलग-अलग दिन पर गिरफ्तार किया था.