हाइलाइट्स
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स्टील प्लांट कारोबारी 7 दिन से हड़ताल पर
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डिप्टी सीएम शर्मा के साथ बैठक भी बेनतीजा रही
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सीएम साय के साथ भी हो चुकी है मीटिंग
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के 150 मिनी स्टील प्लांट आगे भी बंद ही रहेंगे। इसकी वजह, सरकार और कारोबारियों के बीच अब तक कोई सुलह नहीं हो पाना है।
इसी के चलते कारोबारियों ने आगे भी प्लांट बंद रखने का फैसला किया है। कारोबारियों की डिप्टी सीएम सीएम विजय शर्मा के साथ हुई चर्चा भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची।
इसलिए हड़ताल के कारण सात दिनों से बंद प्लांट अब कब खुलेंगे यह तय नहीं है। यानी फैक्ट्री मालिकों की हड़ताल जारी (Chhattisgarh News) रहेगी।
फैक्ट्री मालिकों ने हड़ताल जारी रखने का किया फैसला
फैक्ट्री मालिकों ने सोमवार को रायपुर के एक होटल में आयोजित बैठक के बाद आंदोलन आगे जारी रखने का फैसला किया है।
बैठक में स्टील प्लांट मालिकों की संस्था के उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, मुकेश पांडे, महासचिव मनीष धुप्पड़ मौजूद थे।
हालांकि छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन मेन्युफेक्चरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल नचरानी ने बताया कि हमारी सरकार से बात सकारात्मक (Chhattisgarh News) हुई है।
सीएम साय के साथ बैठक भी बेनतीजा रही थी
कारोबारियों की एक मीटिंग सीएम विष्णुदेव साय के साथ भी हो चुकी है। हालांकि, ये मीटिंग भी बेनतीजा रही थी।
इसके बाद 3 अगस्त को डिप्टी CM शर्मा से कारोबारी मिले। कारोबारियों को आश्वासन मिला है कि तकनीकी बिंदुओं पर संबंधित उच्चाधिकारियों के साथ जल्द ही बैठक की जाएगी।
अब कारोबारी ऊर्जा विभाग के अफसरों के साथ जल्द से जल्द मीटिंग करने की योजना बना (Chhattisgarh News) रहे हैं।
री रोलर प्लांट भी समर्थन में उतरा
छत्तीसगढ़ स्टील री-रोलर्स एसोसिएशन ने इस आंदोलन समर्थन देने की बात कही।
संगठन की ओर से कहा गया है कि आवश्यकता पड़ने पर छत्तीसगढ़ स्टील री-रोलर्स एसोसिएशन के सदस्य भी अपना प्लांट बंद कर आंदोलन में पूरा साथ देंगे।
क्या है पूरा मामला?
मिनी स्टील प्लांट को लगभग 25% बढ़ी हुई दर पर बिजली का भुगतान करना पड़ रहा है। इससे प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ गई है।
स्टील इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा बिजली खपत मिनी स्टील प्लांट में ही होती है।
फैक्ट्री मालिकों का कहना है कि बिजली की दर बढ़ जाने से फैक्ट्री के खर्चों को निकाल पाना संभव नहीं हो रहा।
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2 लाख कर्मचारियों पर पड़ेगा असर
150 मिनी स्टील प्लांट बंद होने से इनमें काम करने वाले करीब 2 लाख कर्मचारियों की जिंदगी पर असर पड़ेगा।
उद्योगों से लगभग डेढ़ लाख लोग अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं, जो ट्रांसपोर्टेशन और दूसरे कामों को करते हैं।
उन पर भी फैक्ट्री बंद होने से प्रभाव पड़ेगा। 300-400 रुपए रोजी पर मजदूरी करने वाले कामगारों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो सकता है।