हाइलाइट्स
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संसद में गरजे कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान
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राज्यसभा में शिवराज को आया गुस्सा
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शिवराज ने किया मुलताई गोलीकांड का जिक्र
Shivraj Singh Chauhan: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को राज्यसभा में गुस्सा आ गया। उन्होंने मुलताई गोलीकांड को लेकर कहा कि दिग्विजय सिंह के हाथ खून से सने हैं। इन्होंने 24-24 किसानों को मारा है। इसके साथ ही उन्होंने दूसरे राज्यों में किसानों पर हुई गोलीबारी की घटनाओं का जिक्र करके कांग्रेस को घेरा।
‘मुझे छेड़ोगे तो छोड़ूंगा नहीं’
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने जब राज्यसभा में बोलना शुरू किया तो विपक्ष ने हंगामा कर दिया। इस पर उन्होंने कहा कि मुझे छेड़ो मत, मुझे छेड़ोगे तो छोडूंगा नहीं। कृषि मंत्री के वक्तव्य के दौरान कांग्रेस सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
मंत्री शिवराज ने गिनाई गोलीबारी की घटनाएं
विपक्ष के हंगामे पर सीएम शिवराज (Shivraj Singh Chauhan) ने कहा कि अब इन्होंने छेड़ा है तो ये सुन लें, 1986 में जब बिहार में कांग्रेस की सरकार थी तब 23 किसानों की मौत गोलीबारी से हुई थी। 1988 में दिल्ली में इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर किसानों पर गोली चलाई गई, दो किसान मारे गए। 1988 में मेरठ में इन्होंने किसानों पर फायरिंग की, 5 किसान मारे गए। 23 अगस्त 1995 को हरियाणा में गोली चलाई गई और 6 किसान मारे गए। 12 जनवरी 1998 को मुलताई में किसानों पर गोली चली, कांग्रेस की सरकार थी, 24 किसान मारे गए।
विपक्ष के वॉकआउट पर बोले सभापति
विपक्ष के वॉकआउट पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है और दर्दनाक भी है। किसान वर्ग सबसे महत्वपूर्ण है। जब उस वर्ग के बारे में चर्चा हो रही है तो हर सदस्य का ये मौलिक कर्तव्य है कि वो चर्चा में गंभीरता से भाग लें। इस विषय पर चर्चा के लिए जिसने जितना समय मांगा उतना समय मैंने दिया।
मुझे उम्मीद थी कि सरकार का पक्ष सुनकर यदि कोई बात निकलेगी तो कानून के तहत मुद्दा उठाया जाएगा। जो व्यवधान पैदा किया है वो नियमों के विपरीत है। मेरे निर्देश के बाद ये शासन की अवहेलना है। ये अत्यंत गंभीर है।
मंत्री शिवराज ने और क्या कहा ?
कृषि मंत्री शिवराज ने कहा कि मैं जब कृषि मंत्री बना तो मुझे लगा कि जितने प्रधानमंत्री भारत में आज तक हुए हैं उन सबके भाषणों को पढ़ना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण भाषण 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस को लाल किले की प्राचीर से दिए जाने वाला भाषण होता है।
स्वर्गीय पंडित नेहरू के सारे भाषण पढ़े 1947 से लेकर 1961 तक किसान शब्द नहीं आया। ये आपकी प्राथमिकता है। कभी किसी के सम्मान को ठेस पहुंचाने का मैं आदी नहीं हूं। शिवराज ने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के भाषणों का जिक्र करते हुए कहा उनकी प्राथमिकता में कभी किसान नहीं रहा। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भाषणों में किसान का जिक्र हुआ।
बिना नाम लिए राहुल गांधी पर निशाना
कृषि मंत्री शिवराज ने बिना नाम लिए राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नाटक से किसान की जिंदगी नहीं बदलेगी। एक नेता जिन्होंने बड़ी-बड़ी यात्राएं निकालीं, वे यात्रा के दौरान हरियाणा के सोनीपत गए, रियल दिखने के लिए रील बनाई। 2023 का सोनीपत का वीडियो है। वे अचानक खेत में पहुंच गए किसान से ज्यादा कैमरे थे। दो लोग पकड़कर खेत में पहुंच गए। कैमरामैन से पूछ रहे थे क्या करना है। मेरे पास उसकी पूरी वीडियोग्राफी की पेनड्राइव है।
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सांसद दिग्विजय सिंह का कृषि मंत्री पर पलटवार
सांसद दिग्विजय सिंह ने बाद में कहा कि कृषि मंत्री को मैं सालों से जानता हूं। वो एक आदत से लाचार हैं। झूठ बोलने के आदी हैं। मप्र में चल गया, लेकिन अब वो केंद्र में कृषि मंत्री हैं। कमलनाथ जी की सरकार ने मप्र में लगभग 37 लाख किसानों का कर्जा माफ किया था। जिसमें शिवराज सिंह चौहान के गांव जैत जिला सीहोर में शिवराज सिंह चौहान के रिश्तेदारों का कर्जा माफ किया।
उस समय शिवराज सिंह चौहान के कृषि मंत्री का बयान आया कि कांग्रेस के राज में कर्जा माफ हुआ, लेकिन सदन में कृषि मंत्री कहते हैं कि कांग्रेस को जो मौका मिला था उसमें उन्होंने कोई कर्जा माफ नहीं किया। उसके प्रमाण हमारे पास हैं उसकी प्रोसिडिंग आपको दे दूंगा।