MP News: मध्य प्रदेश में स्टाइपेंड बढ़ाने के लिए लंबे समय से धरना दे रहे इंटर्न डाक्टर्स के लिए खुशखबरी है।
सरकार ने एमपी (MP) के इंटर्न डॉक्टर्स की स्टाइपेंड में लगभग 3–3 हजार रुपए स्टाइपेंड की बढ़ोत्तरी की है।
बड़ी बात यह है कि इसका लाभ रेजिडेंट, इंटर्न समेत पीजी और पीजी डिप्लोमा कर रहे डॉक्टर्स को भी मिलेगा।
धरना और प्रदर्शन के बाद मिली राहत
मध्य प्रदेश में बीते कई दिनों से इंटर्न डॉक्टर अपने स्टाइपेंड में बढ़ोतरी की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। उनकी इस मांग को प्रदेश के जूनियर डॉक्टरों का भी समर्थन मिला था।
इंटर्न डॉक्टरों ने प्रदेश के विभिन्न शहरों में अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था।
इस जोरदार आंदोलन के बाद सरकार ने उनकी मांगों को स्वीकार करते हुए स्टाइपेंड में बढ़ोतरी का फैसला लिया।
इतने स्टाइपेन्ड की करी थी मांग
इंटर्न डॉक्टर्स ने सरकार से मांग की है कि स्टाइपेंड बढ़ाकर 30 हजार रुपए प्रतिमाह किया जाए। अभी उन्हें महज 13 हजार 928 रुपए का स्टाइपेंड दिया जा रहा है।
इससे पहले बुधवार को काली पट्टी बांधकर उन्होंने काम किया था।
बता दें कि प्रदेश भर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में करीब 3 हजार से अधिक छात्र काम कर रहे हैं वहीं हमीदिया अस्पताल में इनकी संख्या 180 से अधिक है।
इस बारे में डीन कविता एन सिंह ने बताया कि फिलहाल मरीजों को किसी तरह की कोई दिक्कत सामने नहीं आई है, इंटर्न ने सुबह से काम करने गए थे।
कितनी बढ़ी राशि?
सरकार की ओर से जारी किए गए आदेश में डिप्लोमा प्रथम वर्ष के डॉक्टरों को पहले 72,633 रुपये मिल रहे थे, जो अब बढ़कर 75,444 कर दिए गए हैं. इसी प्रकार द्वितीय वर्ष के राशि को 74,867 के स्थान पर 77,764 रुपये मिलेंगे. इसी तरह तृतीय वर्ष के राशि को 77,102 के स्थान पर 80,086 रुपये मिलेंगे.
प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में शुरू की थी हड़ताल
इंटर्न डॉक्टरों ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में हड़ताल की है। बारिश के बीच अस्पतालों में पहुंचकर धरना दिया और प्रदर्शन कर नारेबाजी की।
अब यह हड़ताल अनिश्चितकालीन रहेगी। इस दौरान 3 हजार से ज्यादा इंटर्न डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे।
असम जैसे छोटे राज्यों में भी इंटर्न को मिलते हैं 36 हजार
इन चिकित्सकों का कहना है कि मध्य प्रदेश काफी बड़ा और समृद्ध प्रदेश है, जबकि असम जैसे छोटे राज्यों में भी इंटर्न छात्रों को 36,200 मेघायल में 30,000 रुपए प्रतिमाह स्टाइपेंड दिया जा रहा है।
इंटर्न का तर्क है कि 2019 बैच के प्रदेश में 3 हजार से ज्यादा इंटर्न डॉक्टर्स है। जो 1 अप्रैल 2024 से लगातार बिना किसी छुट्टी के काम करते आ रहें हैं। वे 6 घंटे की रेगुलर ड्यूटी के साथ नाइट ड्यूटी भी रहती है।
इन लोगों ने साढ़े 4 साल तक मेहनत कर एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई पूरी की है। इंटर्न डॉक्टर्स ने बताया कि मध्य प्रदेश में स्टाइपेंड के मामले में देश में 26वें नंबर पर है।