MP CM Yojna Awas Yojana Loan: एमपी में मुख्यमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की घोषणा पर अब अमल होने लगा है। जी हां सीएम के आदेशानुसार अब मुख्यमंत्री आवास योजना (Mukhya Mantri Awas Yojana Loan) के लिए कर्ज लेने वाले लोगों का लोन माफ करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
क्या थी मुख्यमंत्री यादव की घोषणा
आपको बता दें बीते बीते दिनों 15 जुलाई को सीएम मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने बड़ा ऐलान लेते हुए घोषणा की थी कि CM आवास योजना (MP CM Awas Scheme) के तहत लिए गए लोगों का बैंक लोन माफ किया जाएगा। सीएम मोहन यादव (CM Mohan Yadav) के अनुसार CM आवास योजना (CM Awas Yojana) के तहत जिन हितग्राहिओं ने बैंको से (CM Awas yojana Loan ) लोन लिया है, उनका पूरा लोन माफ किया जाएगा।
प्रदेश में इतनों ने चुकाया लोन
आपको बता दें मुख्यमंत्री आवास (CM Awas Yojana Scheme) के हितग्राहियों का ऋण चुकाने (MP CM Awas Yojana Loan in Hindi) पर चल रहा मंथन चला है। प्रदेश में साढ़े 6 लाख इस योजना का लाभ ले रहे हैं। ताजा जानकारी के अनुसार इनसे से अभी तक केवल 1 लाख 22 हजार ने ही लोन चुकाया है।
इतना आएगा योजना का अतिरिक्त भार
आपको बता दें जिन लोगों ने योजना का लोग नहीं चुकाया है उसकी जानकारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने सभी बैंकों से मांगी है। इस योजना से प्रदेश सरकार पर कितना अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा।
हालांकि बैंक (Bank Loan) से ऋण दिलाने के लिए सरकार ने न केवल अपनी गारंटी दी बल्कि आधी राशि का भार भी उठाया।
बैंको से मांगी जिलेवार जानकारी
आपको बता दें पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने सभी बैंकों से बकायादारों से विस्तृत जानकारी मांगी है। ऐसे में जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई गई है।
15 साल में चुकाया जाना था लोन
योजना के तहत साढ़े 6 लाख परिवारों का चयन हुआ था। इसमें 50 हजार रुपए राज्य सरकार ने अपनी ओर से दिए और इतनी ही राशि का ऋण बैंकों से स्वीकृत कराया। 15 वर्ष में यह राशि चुकाई जानी थी, लेकिन 1 लाख 22 हजार लाभार्थियों ने ही ऋण चुकाया।
5 लाख से ज्यादा बकायादार
जानकारी के अनुसार साढ़े 6 लाख लाभार्थियों में से 5 लाख 28 हजार बकायादारों का ऋण चुकाने के लिए मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग योजना बना रहा है।
इस योजना के लिए राज्य सरकार ने 8 वर्षों में 3 हजार 20 करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे। जिसके बाद अब ये राशि ब्याज सहित मिलाकर छह हजार 45 करोड़ रुपए हो गई है। जिसमें से सरकार अब तक अपने हिस्से के 3,700 करोड़ रुपए बैंकों को दे चुकी है। जिसमें से 2,345 करोड़ बकाया हैं।
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