हाइलाइट्स
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प्रवासी संसाधन केंद्र खोलेगी सरकार
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सरकार प्रवासी मजदूरों को देगी लाभ
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देश के 10 राज्यों में 23 प्रवास केंद्र होंगे
Mor Chinhari Bhawan Yojana: छत्तीसगढ़ के मजदूरों के लिए खुशखबरी है। ये अच्छी खबर उन मजदूरों के लिए हैं, जो प्रदेश में रोजगार न मिलने के कारण दूसरे राज्यों में जाकर मजदूरी कर जीवन यापन कर रहे हैं। उन मजदूरों के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने बड़ा प्लान बनाया है। इसके लिए फंड का भी प्रावधान किया गया है।
अब ऐसे प्रवासी मजदूरों के लिए राज्य सरकार ने नया प्लान बनाया है। प्रवासी मजदूरों को भी सरकार की योजनाओं का लाभ मिले, इसके लिए दूसरे राज्यों में प्रवासी संसाधन केंद्र (Pravasi Sansadhan Kendra Yojana) खोले जा रहे हैं। जहां इन मजदूरों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिलेगा।
बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार (Mor Chinhari Bhawan Yojana) देश के 10 राज्यों में 23 प्रवासी संसाधन केंद्र खोलेगी। इन केंद्रों के ओपन हो जाने के बाद छत्तीसगढ़ के मजदूर अगर इन प्रदेशों में काम कर रहे हैं, तो उन्हें राज्य सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ वहीं पर मिल जाएगा।
यह प्रवासी संसाधन केंद्र (Pravasi Sansadhan Kendra Yojana) मोर चिन्हारी भवन (Mor Chinhari Bhawan Yojana) योजना के तहत खुलेंगे, जिनका लाभ मजदूरों को दूसरे राज्यों में दिया जाएगा।
केंद्रीय श्रम मंत्री ने हरी झंडी
इसको लेकर केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने हरी झंडी दे दी है। ये केंद्र शीघ्र शुरू हो जाएंगे। बता दें कि 27 जुलाई 2024 को केंद्रीय श्रम (Mor Chinhari Bhawan Yojana) मंत्री छत्तीसगढ़ दौरे पर थे, जहां श्रम विभाग की समीक्षा बैठक में यह बात सामने आई थी, इसके बाद उन्होंने इसे हरी झंडी दे दी है।
30 योजनाओं का मिलेगा लाभ
छत्तीसगढ़ श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने जानकारी दी कि प्रदेश से बड़ी संख्या में लोग रोजगार (Mor Chinhari Bhawan Yojana) के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं। वहां उन्हें उस राज्य की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
इतना ही नहीं ऐसे प्रवासी मजदूर जो छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं का लाभ भी नहीं ले पा रहे हैं। ऐसे मजदूरों की मदद के लिए प्रवासी संसाधन केंद्र (Pravasi Sansadhan Kendra Yojana) खोले जा रहे हैं। इन केंद्रों के माध्यम से ये प्रवासी मजदूर सरकार की 30 योजनाओं का लाभ ले सकेंगे।
तीन साल के लिए 31 करोड़ का बजट
केंद्रीय श्रम मंत्री मांडविया ने कहा कि जिन राज्यों में मजदूर ज्यादा जाते हैं, उस राज्य में मोर चिन्हार भवन योजना (Mor Chinhari Bhawan Yojana) की शुरुआत शीघ्र की जाए। विभाग के अनुसार इसको लेकर तीन साल के लिए 31 करोड़ का बजट का प्रावधान किया है।
साथ ही हर केंद्र (Pravasi Sansadhan Kendra Yojana) के लिए सालभर में 45 लाख रुपए का बजट तय किया जा रहा है। इन सहायता केंद्रों का नाम फिलहाल मोर चिन्हारी भवन रखा है, हालांकि इसमें बदलाव किए जाने की संभावना भी जताई जा रही है।
सरकार इस तरह से करती है मदद
श्रमिकों और उनके परिवार के लिए 30 प्रकार की योजनाएं संचालित हैं। इनमें मजदूर की मृत्यु होने पर 1 लाख रुपए और दिव्यांगता पर 50 हजार की आर्थिक मदद।
मजदूरों के बच्चों को पहली कक्षा से स्नाकोत्तर तक 500 रुपए से 15000 रुपए तक वजीफा।
किसी श्रमिक (Mor Chinhari Bhawan Yojana) को गंभीर बीमारी पर 50 हजार रुपए तक की आर्थिक मदद।
मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी योजना में मजदूरों के मेधावी बच्चों को 2 लाख दिए जाते हैं।
महतारी जतन योजना में महिला श्रमिक को पहले दो बच्चों के जन्म पर 20 हजार रुपए की मदद।
10 राज्यों में खुलेंगे प्रवासी केंद्र
छत्तीसगढ़ सरकार (Mor Chinhari Bhawan Yojana) द्वारा दूसरे राज्यों में प्रवासी केंद्र खोले जा रहे हैं, उन राज्यों में- दिल्ली, गुजरात, पंजाब, तमिलनाडु, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध प्रदेश और जम्मू कश्मीर जैसे 10 राज्य हैं।
जहां छत्तीसगढ़ के मजदूर काम कर रहे हैं। इन केंद्रों की शुरुआत किराए के भवन लेकर की जाएगी। बाद में सभी राज्य सरकारों से जमीन मांगी जाएगी। इसके बाद सरकार भवन निर्माण कराएगी।
हेल्प डेस्क, केंद्र प्रभारी की होगी नियुक्ति
दूसरे राज्यों में जो प्रवासी संसाधन केंद्र (Mor Chinhari Bhawan Yojana) खोले जाएंगे। वहां उस राज्य के मजदूरों की मदद के लिए हेल्प डेस्क भी शुरू किए जाएंगे। इसको लेकर केंद्र प्रभारी की भी नियुक्ति की जाएगी।
इस केंद्र प्रभारी का काम उस राज्य में काम कर रहे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों का डेटा तैयार करने और उस राज्य के मजदूरों को योजनाओं का लाभ दिलवाने के लिए किया जाएगा।
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दूसरे राज्यों में श्रमिकों को सुविधा देंगे
श्रम मंत्री छत्तीसगढ़ लखनलाल देवांगन ने कहा कि छत्तीसगढ़ (Mor Chinhari Bhawan Yojana) के श्रमिकों को दूसरे राज्यों में किसी भी योजना का लाभ नहीं मिलता है। ऐसे में हमारा प्रयास रहेगा कि हमारा श्रमिक दूसरे प्रदेश में जाकर काम करे तो उसे अपने राज्य की योजनाओं का लाभ भी मिलना चाहिए। इसको लेकर प्रवासी संसाधन केंद्र 10 राज्यों में खोलेंगे। इसके बाद अन्य राज्यों से मांग आएगी तो वहां भी केंद्र खोले जाएंगे।