Woman Plans Ghost Marriage: चीन के ताइवान से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर एक लड़की ने अपने मरे हुए बॉयफ्रेंड से शादी की है। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे मुमकिन हो सकता है। जानकरी के मुताबिक ताइवान की एक लड़की ने भीषण कार हादसे में जान गवानें वाले बॉयफ्रेंड से शादी कर ली है।
लड़की के बॉयफ्रेंड के साथ तीन और लोग हादसे का शिकार हो गए थे। इस दौरान लड़की ने हादसे में तीन लोगों को बचाया लेकिन अपने बॉयफ्रेंड को नहीं बचा पाई। लेकिन अब लड़की ने लड़के की मां की देखभाल के लिए घोस्ट मैरिज कर ली है।
इस प्रथा में लड़की भूत से शादी कर पूरी उम्र उसकी बनकर रहेगी।
क्या होती है घोस्ट मैरिज ?
घोस्ट मैरिज, जिसे हिंदी में ‘भूत विवाह’ कहते हैं, एक पारंपरिक प्रथा है जिसमें मृत व्यक्ति और जीवित व्यक्ति के बीच विवाह किया जाता है। यह प्रथा कुछ संस्कृतियों में प्रचलित है। घोस्ट मैरिज में मृत व्यक्ति की आत्मा को शांति प्रदान करना या सामाजिक और पारिवारिक जिम्मेदारियों को पूरा करना होता है।
इस प्रकार के विवाह को अक्सर मृतक के परिवार के सम्मान और सामाजिक मान्यता के लिए किया जाता है, और इसे विभिन्न धार्मिक या सांस्कृतिक मान्यताओं के अनुसार सम्पन्न किया जाता है। जहां मान्यता होती है कि मृतक की आत्मा को शांति मिल सके या परिवार की परंपरा और वंशवृक्ष को जारी रखा जा सके।
इस प्रकार के विवाह में मृतक के साथ पारंपरिक रीतियों और रस्मों का पालन किया जाता है, ताकि परिवार की कुछ सांस्कृतिक या पारंपरिक चिंताओं का समाधान किया जा सके।
किस देश में है प्रथा ?
चीनी संस्कृति में भूत विवाह की प्रथा पाई जाती है। इसे “मिंगहुन” कहा जाता है, जहां मृतकों की आत्माओं की शांति और संतुष्टि के लिए उनकी शादी कराई जाती है। यह प्रथा विशेष रूप से तब अपनाई जाती है जब किसी व्यक्ति की मृत्यु अविवाहित अवस्था में हो जाती है।
माना जाता है कि इस प्रथा से मृतकों की आत्माएं शांत होती हैं और वे अपने जीवन साथी के साथ आत्मा के रूप में संगठित रहते हैं। भूत विवाह की यह प्रथा चीन के विभिन्न क्षेत्रों में प्राचीन काल से चली आ रही है और आज भी कुछ समुदायों में मान्य है।
भारत के इस गांव में होती है घोस्ट मैरिज
दक्षिण कन्नड़ जिले में स्थित पुत्तुर में घोस्ट मैरिज का महत्व है। यहां पर घोस्ट मैरिज को तुलुवा लोक संस्कृति के नाम से जाना जाता है। इस संस्कृति के मुताबिक यहां पर मृत व्यक्तियों की शादी करवाई जाती है। इस गांव एक मामला भी हैं जहां पर एक लड़की के परिवार ने अपनी बेटी की शादी के लिए 30 साल बाद विज्ञापन छपवाया था।
इस संस्कृति का उद्देश्य दिवंगत आत्मा का परिवार से जुड़ाव और खुशी एवं गम साझा करना है। से ‘भूत विवाह’ या ‘आत्मा विवाह’ के रूप में भी जाना जाता है। यह परंपरा आम तौर पर पुनर्जन्म में विश्वास का विस्तार है। ऐसा कहा जाता है कि ऐसी परंपराएं मृतक को एक खुशहाल, संतुष्ट जीवन जीने और दूसरी दुनिया में अकेले नहीं रहने में मदद करती हैं।
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