हाइलाइट्स
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काली पट्टी बांधकर विरोध कर रहे कर्मचारी
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सीधी भर्ती पर रोक लगाने की मंत्री से मांग
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अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे दैवेभो
Protest Against Forest Department Bharti: छत्तीसगढ़ में वन विभाग के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी लामबंद हो गए हैं। इन कर्मचारियों ने नियमितिकरण की मांग और वन विभाग में हो रही सीधी भर्ती (Protest Against Forest Department Bharti) पर रोक लगाने की मांग की है।
इन मांगों के साथ ही अन्य मांगों को लेकर कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है। प्रदेशभर में ये कर्मचारी काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जता रहे हैं। मांगे पूरी नहीं होने पर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है।
छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ की नियमितीकरण और स्थायीकरण की मांग है। इसी के साथ सीधी भर्ती पर रोक लगाने की मांग की जा रही है। इन मांगों को लेकर वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी, वाहन चालक, कंप्यूटर ऑपरेटर, कार्यालय सहायक, दैनिक श्रमिक, तेन्दुपत्ता गोदाम सुरक्षा श्रमिक काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहे हैं। यह विरोध 3 अगस्त तक जारी रहेगा।
11 अगस्त से हड़ताल पर जाएंगे कर्मचारी
वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी, वाहन चालक, कंप्यूटर ऑपरेटर, कार्यालय सहायक, दैनिक श्रमिक, तेन्दुपत्ता गोदाम सुरक्षा श्रमिक दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी (Protest Against Forest Department Bharti) संघ के बैनर तले अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे हैं। मांगे नहीं मानी तो 11 अगस्त 2024 से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
भर्ती पर रोक का मिला आश्वासन
छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ के प्रदेश पदाधिकारियों ने वन मंत्री से जगदलपुर सर्किट हाऊस में मुलाकात की थी। जहां वन विभाग में वन रक्षक, वाहन चालक के पदों पर हो रहे सीधी भर्ती (Protest Against Forest Department Bharti) पर रोक लगाने की मांग की थी।
इस पर वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा था कि मैंने प्रधान मुख्य वन संरक्षक को बोल दिया हूं, अभी भर्ती नहीं की जाएगी। भर्ती पर रोक लगाने का आश्वासन भी मंत्री ने वन कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि मंडल को दिया है।
नहीं जारी हुआ भर्ती पर रोक का पत्र
दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ का आरोप है कि वन मंत्री केदार कश्यप के वन विभाग में सीधी भर्ती (Protest Against Forest Department Bharti) पर रोक लगाने के आश्वासन दिया था।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने भर्ती पर रोक लगाने के लिए आज दिनांक तक कोई पत्र जारी नहीं किया है। यह बड़ी चिंता का विषय है। ऐसे में दैनिक वेतन भोगी 25 जुलाई 2024 से काली पट्टी बांधकर सरकार का ध्यानाकर्षण करा रहे हैं। ये कर्मचारी 3 अगस्त तक काली पट्टी बांधकर विरोध जताएंगे।
मंत्री बंगले का करेंगे घेराव
3 अगस्त तक काली पट्टी बांधकर विरोध करने के बाद दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी (Protest Against Forest Department Bharti) संघ के बैनर तले कर्मचारी 4 अगस्त से सभी मंत्रियों के बंगले का घेराव करेंगे।
इसके बाद 11 अगस्त 2024 से मंत्रियों के बंगले का घेराव किया जाएगा। इसमें मुख्यमंत्री बंगला जशपुर, वन मंत्री केदार कश्यप, डिप्टी सीएम अरुण साव, विजय शर्मा, वित्तमंत्री ओपी चौधरी के बंगले का घेराव किया जाएगा।
वेतन को लेकर कर्मचारियों में आक्रोश
जब तक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण एवं स्थायीकरण नहीं हो जाता तब तक वन विभाग में किसी भी तृतिय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती नहीं की जाना चाहिए।
वहीं दूसरी ओर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को चार से पांच माह से वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है। 4 हजार श्रम सम्मान राशि को रोककर दिया है, इसके कारण दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों में आक्रोश है।
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तेंदुपत्ता गोदाम सुरक्षा श्रमिक परेशान
संघ का कहना है कि महासमुंद जिला के बागबाहरा (Protest Against Forest Department Bharti) परिक्षेत्र में तेन्दुपत्ता गोदाम सुरक्षा श्रमिकों को 50 रुपए के स्टाम्प पेपर में लिखकर शपथ पत्र मंगवाए जा रहे हैं।
इसके कारण तेन्दुपत्ता गोदाम सुरक्षा श्रमिक परेशान हैं। इसके कारण महासमुंद जिला यूनियन में संविदा में पदस्थ उप प्रबंध संचालक को हटाने की मांग की जा रही है। साथ में लेखापाल अशोक शुक्ला को भी महासमुंद जिला यूनियन ने पद से हटाने की मांग की है।